नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर सराज क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 72 लोगों पर एफआईआर दर्ज करने को अमानवीय कृत्य करार दिया है। मंडी में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि एफआईआर में पहला कॉलम जानबूझकर खाली छोड़ा गया है, ताकि उन पर भी मामला दर्ज किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार राहत पहुंचाने के बजाय पीड़ितों को प्रताड़ित कर रही है।
प्रदर्शन में भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल भी शामिल हुए। इस अवसर पर उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा गया। जयराम ठाकुर ने कहा कि 30 जून की आपदा ने सराज, नाचन, करसोग और धर्मपुर को गंभीर रूप से प्रभावित किया, लेकिन मुख्यमंत्री केवल हेलीकॉप्टर से आकर हेलीपैड पर फोटो खिंचवाकर चले गए, जबकि जमीनी हालात का आकलन तक नहीं किया।
केंद्रीय नेताओं के दौरे के बाद पहुंचे सीएम
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि जब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और अन्य भाजपा नेता सराज पहुंचे तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी आलोचना से बचने के लिए वहां आए। उन्होंने मात्र दो करोड़ रुपये की मदद दी, जबकि नुकसान कहीं अधिक हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने सराज क्षेत्र के एक शैक्षणिक संस्थान को दूसरी विधानसभा में स्थानांतरित करने के आदेश दिए, जो आपदा के बाद उठाया गया एक असंवेदनशील कदम है।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी, बोलने पर दर्ज हुए मामले
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि जब स्थानीय लोगों ने अपने कॉलेज को स्थानांतरित करने के निर्णय पर सवाल उठाए, तो संबंधित मंत्री ने उन्हें धमकाने की कोशिश की, जिसके बाद विवाद हुआ और उन्हीं लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से चार लोगों पर तिरंगे के अपमान का भी मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ितों को थाने बुलाकर लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि उनके पास सिर छुपाने की भी जगह नहीं है। जयराम ठाकुर ने चेतावनी दी कि अगर सभी एफआईआर वापस नहीं ली गईं तो भाजपा आंदोलन को और तेज करेगी।





