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Wed, Dec 17, 2025

हिमाचल के हर थाने में साइबर अपराध सहायता डेस्क, पीड़ितों को तुरंत मिलेगी मदद

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने ऑनलाइन ठगी, धोखाधड़ी, सोशल मीडिया के दुरुपयोग, साइबर स्टॉकिंग, पहचान चोरी और बैंकिंग फ्रॉड जैसे बढ़ते मामलों से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी 138 थानों में साइबर अपराध सहायता डेस्क की स्थापना कर दी गई है।
हिमाचल के हर थाने में साइबर अपराध सहायता डेस्क, पीड़ितों को तुरंत मिलेगी मदद

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने ऑनलाइन ठगी, धोखाधड़ी, सोशल मीडिया के दुरुपयोग, साइबर स्टॉकिंग, पहचान चोरी और बैंकिंग फ्रॉड जैसे बढ़ते मामलों से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी 138 थानों में साइबर अपराध सहायता डेस्क की स्थापना कर दी गई है। इस सुविधा का मकसद साइबर अपराध पीड़ितों को तुरंत मदद उपलब्ध कराना और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। हर थाने में साइबर डेस्क की सुविधा देने वाला हिमाचल, उत्तर भारत का दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले हरियाणा में भी यह व्यवस्था लागू की गई है।

हर थाने में साइबर अपराध सहायता डेस्क

नई व्यवस्था के तहत पीड़ित अब सीधे अपने नजदीकी थाने में जाकर साइबर अपराध सहायता डेस्क से संपर्क कर सकेंगे। वहां शिकायत दर्ज होते ही उसे राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) से जोड़ा जाएगा। इससे मामलों की समयबद्ध जांच सुनिश्चित होगी और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। प्रदेश के सभी पुलिस जिलों में इंटीग्रेटेड साइबर क्राइम एक्सटेंशन यूनिट्स भी बनाई गई हैं, जो हिमाचल साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (HIM 4 C) के अंतर्गत काम करेंगी।

कई बार विशेषज्ञता की कमी के कारण साइबर अपराधों की जांच में देरी हो जाती थी, लेकिन अब यह समस्या दूर हो जाएगी। नई व्यवस्था से पीड़ितों की शिकायतें तुरंत पोर्टल पर दर्ज होंगी और जांच की प्रक्रिया तेज होगी। पुलिस का मानना है कि इससे न केवल पीड़ितों का भरोसा बढ़ेगा बल्कि साइबर अपराधियों पर भी शिकंजा कसना आसान होगा।

राज्य सीआईडी, साइबर क्राइम शिमला के उप-पुलिस महानिरीक्षक मोहित चावला ने कहा कि साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सभी जिलों में साइबर नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। ये अधिकारी गंभीर मामलों की निगरानी करेंगे और जांच को गति देंगे। उनका कहना है कि यह पहल न केवल साइबर अपराधों पर अंकुश लगाएगी बल्कि डिजिटल युग में नागरिकों को अधिक सुरक्षित भी बनाएगी।