हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये की सहायता को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आभार व्यक्त किया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आपदा के समय प्रदेश की स्थिति का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। ठाकुर ने कहा कि मोदी न केवल हिमाचल पहुंचे बल्कि दिल्ली लौटने से पहले ही राहत पैकेज का ऐलान किया, जिससे प्रभावित परिवारों में हिम्मत और उम्मीद जगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह सहयोग प्रदेशवासियों को बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना करने की ताकत देता है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी हिमाचल की त्रासदी देखकर गहराई से आहत हुए थे। ठाकुर ने कहा, “यह आपदा हमसे हमारे अपने लोगों को छीन ले गई। एक ही रात में 42 लोगों की जान चली गई और 41 लोग अभी भी लापता हैं। हजारों परिवार बेघर हो गए, खेती और बागवानी की हजारों बीघा जमीन नष्ट हो गई। सड़कें बंद होने से बची हुई फसलें और सेब भी बर्बाद हो रहे हैं, वहीं कई लोगों के पास घर बनाने के लिए जमीन तक नहीं बची है।”
आपदा राहत पर बोले जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रभावितों को बसाने के लिए जमीन उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। उन्होंने प्रधानमंत्री से फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में संशोधन की मांग की है ताकि आपदा पीड़ितों को जमीन दी जा सके। ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि केंद्र के साथ समन्वय स्थापित कर जल्द ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों को असुविधा न हो।
जयराम ठाकुर ने कहा कि अब प्रदेश को विकास की दिशा में प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने जोर दिया कि कानूनों के अनुपालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और इसे सख्ती से निभाना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि केंद्र द्वारा दी गई 1500 करोड़ रुपये की राशि आपदा प्रभावित लोगों के लिए है और इसे पारदर्शी तरीके से उन्हीं तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुक्खू सरकार इस धन का सही उपयोग सुनिश्चित करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनकी पूरी सरकार को प्रधानमंत्री का सार्वजनिक रूप से आभार व्यक्त करना चाहिए। ठाकुर ने कहा, “हिमाचल प्रदेश को तत्काल राहत की जरूरत थी और केंद्र सरकार ने वह राहत तुरंत उपलब्ध करवाई। अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह प्रभावितों का दर्द समझते हुए ईमानदारी से राहत कार्य करे।” उन्होंने केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हिमाचल के लोग हमेशा केंद्र से मदद पाते आए हैं और आगे भी मिलती रहेगी।





