हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला सिरमौर के हरिपुर स्थित एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में मिड-डे मील वर्कर के पद से बर्खास्त की गई महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को उसे पुनर्नियुक्त करने पर सकारात्मक विचार करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता नारदा देवी वर्ष 2004 से इस पद पर कार्यरत थीं, लेकिन 5 सितंबर 2023 को उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद माना कि पुनर्नियुक्ति पर विचार करना उचित होगा।
मिड-डे मील वर्कर ने बर्खास्तगी को दी चुनौती
न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवॉल दुआ की पीठ ने नारदा देवी को निर्देश दिया है कि वे पुनर्नियुक्ति के लिए दो सप्ताह के भीतर उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा, सिरमौर को एक प्रतिवेदन दें। अदालत ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि वे याचिकाकर्ता के आवेदन पर अगले दो सप्ताह के भीतर सकारात्मक दृष्टिकोण से निर्णय लें। इस आदेश के साथ कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले को त्वरित और न्यायपूर्ण तरीके से निपटाया जाए।
याचिकाकर्ता ने अपनी सेवा समाप्ति के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि उन्होंने 19 साल तक मिड-डे मील वर्कर के रूप में ईमानदारी से काम किया, लेकिन अचानक उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। यह फैसला न केवल अन्यायपूर्ण था, बल्कि इसमें विभाग ने उचित कानूनी प्रक्रिया और सिद्धांतों का पालन भी नहीं किया। याचिका में यह भी कहा गया कि विभाग ने किसी ठोस कारण या जांच के बिना यह कदम उठाया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि नारदा देवी 2004 से 2023 तक लगातार सेवाएं देती रही हैं। उन्होंने स्कूल के मिड-डे मील कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया। अधिवक्ता ने दलील दी कि उनकी सेवा समाप्ति मनमानी थी और इससे उनके आजीविका के अधिकार का हनन हुआ है। अदालत ने इस पर विचार करते हुए सरकार को पुनर्नियुक्ति पर सकारात्मक निर्णय लेने के निर्देश दिए।





