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Fri, Dec 19, 2025

शराब ढोते पकड़े गए CM सुक्खू की एस्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी, 4 सस्पेंड

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार को दिल्ली दौरे पर गए थे। लौटते वक्त एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात सोलन पुलिस के चार जवानों ने चंडीगढ़ के एक शराब के ठेके से शराब की पेटियां अपनी सरकारी गाड़ी में भर लीं।
शराब ढोते पकड़े गए CM सुक्खू की एस्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी, 4 सस्पेंड

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार को दिल्ली दौरे पर गए थे। मौसम खराब होने के चलते उनका हेलीकॉप्टर शिमला से उड़ान नहीं भर सका, इसलिए वह सड़क मार्ग से चंडीगढ़ पहुंचे। चंडीगढ़ से आगे उन्हें सोलन पुलिस की ओर से एस्कॉर्ट मुहैया कराया गया। लेकिन लौटते समय कुछ ऐसा हुआ जिसने हिमाचल पुलिस की छवि पर सवाल खड़े कर दिए।

शराब ढोते पकड़े गए पुलिसकर्मी

दरअसल, लौटते वक्त एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात सोलन पुलिस के चार जवानों ने चंडीगढ़ के एक शराब के ठेके से शराब की पेटियां अपनी सरकारी गाड़ी में भर लीं। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया। सोशल मीडिया पर इसका एक मिनट से ज्यादा लंबा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें चारों पुलिसकर्मी वर्दी में नजर आ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि वे चंडीगढ़ के ठेके के बाहर एक स्कॉर्पियो (सोलन नंबर) गाड़ी की डिग्गी में शराब की पेटियां रखवा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, इनमें से दो जवान कोलर बटालियन के हैं जबकि दो सोलन पुलिस से हैं। वीडियो सामने आने के बाद सोलन के एसपी गौरव सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। सस्पेंड किए गए कर्मचारियों में एक एएसआई भी शामिल है।

बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ में शराब हिमाचल के मुकाबले सस्ती मिलती है, इसलिए यहां से बड़ी मात्रा में शराब हिमाचल ले जाने की प्रवृत्ति पहले से चली आ रही है। लेकिन जब इस तरह वर्दीधारी पुलिसकर्मी सरकारी गाड़ी में शराब ढोते नजर आते हैं तो यह न सिर्फ नियमों की अवहेलना है, बल्कि पुलिस की साख को भी नुकसान पहुंचाता है।

इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर बहस भी छिड़ गई है। कई लोग जवानों के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिसकर्मियों की निजी जिंदगी मायने नहीं रखती? हालांकि, वर्दी में और सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल से यह मामला पूरी तरह से सेवा नियमों का उल्लंघन बन जाता है।