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Wed, Dec 17, 2025

हिमाचल में छात्र संघ चुनाव पर रोक बरकरार, शिक्षा मंत्री बोले- हिंसा के हालात में बहाली संभव नहीं

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव फिलहाल बहाल नहीं होंगे। विधानसभा में गैर सरकारी कार्य दिवस पर भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने छात्र संघ चुनाव दोबारा शुरू करने का संकल्प पेश किया, जिस पर चर्चा हुई।
हिमाचल में छात्र संघ चुनाव पर रोक बरकरार, शिक्षा मंत्री बोले- हिंसा के हालात में बहाली संभव नहीं

हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव फिलहाल बहाल नहीं होंगे। विधानसभा में गैर सरकारी कार्य दिवस पर भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने छात्र संघ चुनाव दोबारा शुरू करने का संकल्प पेश किया, जिस पर चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने साफ कहा कि हिंसा के इतिहास को देखते हुए छात्र संघ चुनाव कराना उचित नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी यह चुनाव नहीं कराए गए थे। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के विधायकों ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी, लेकिन अंत में संकल्प प्रस्ताव वापस ले लिया गया।

हिमाचल में छात्र संघ चुनाव पर रोक बरकरार

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में भी चुनाव बहाल करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। भाजपा के समय में भी यही स्थिति रही थी। मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि यदि चुनाव से हिंसा, झगड़े या गंभीर स्थितियां पैदा होती हैं, तो उन्हें आयोजित करना ठीक नहीं होगा। इस पर भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने अपना संकल्प वापस ले लिया।

भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि छात्र संघ चुनाव बंद होने के बाद से छात्र राजनीति पूरी तरह निष्क्रिय हो गई है। उनका मानना था कि चुनाव से युवा नेतृत्व तैयार होता है और इसे दोबारा शुरू किया जाना चाहिए। इस पर नाचन से भाजपा विधायक विनोद कुमार ने भी समर्थन किया। वहीं, शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह ने कहा कि चुनाव नहीं होने चाहिए क्योंकि इससे पढ़ाई और माहौल बिगड़ सकता है। भाजपा के हंसराज और राकेश जमवाल सहित कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।

कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि वर्ष 2013 में चुनाव बंद कर दिए गए थे और तब से छात्र राजनीति कमजोर हो गई है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि कई लोग छात्र राजनीति करने के बाद चने और मूंगफली बेचने को मजबूर हैं। कुछ की तो शादियां भी नहीं हो पाईं। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कभी सक्रिय रहने वाला छात्र नेता आज फोटोग्राफी का काम कर रहा है। जनारथा का तर्क था कि छात्र राजनीति अब युवाओं को आकर्षित नहीं कर रही है और इसकी बहाली से कोई बड़ा लाभ नहीं होगा।