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Wed, Dec 17, 2025

हिमाचल में सुक्खू सरकार का यू-टर्न, 24 घंटे में बदल गया टोल वसूली पर फैसला

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने 24 घंटे के भीतर ही टोल वसूली पर बड़ा यू-टर्न ले लिया। बिलासपुर के डीसी राहुल कुमार ने पहले आदेश जारी कर कीरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन पर गरमोड़ा और बलोह टोल प्लाजा पर एक महीने के लिए टोल वसूली बंद करने के निर्देश दिए थे।
हिमाचल में सुक्खू सरकार का यू-टर्न, 24 घंटे में बदल गया टोल वसूली पर फैसला

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने 24 घंटे के भीतर ही टोल वसूली पर बड़ा यू-टर्न ले लिया। बिलासपुर के डीसी राहुल कुमार ने पहले 20 अगस्त को आदेश जारी कर कीरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन पर गरमोड़ा और बलोह टोल प्लाजा पर एक महीने के लिए टोल वसूली बंद करने के निर्देश दिए थे। इसका कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-21 की खराब स्थिति, लगातार भूस्खलन, बोल्डर गिरने और उससे यातायात जाम की समस्या बताई गई थी। लेकिन शुक्रवार को निरीक्षण के बाद डीसी ने अपना आदेश रद्द कर दिया और टोल वसूली बहाल करने के निर्देश जारी कर दिए।

हिमाचल में सुक्खू सरकार का यू-टर्न

डीसी ने एनएचएआई और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम के साथ फोरलेन का निरीक्षण किया। सदर, स्वारघाट, घुमारवीं और झंडूत्ता क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद यह निर्णय लिया गया कि अब बलोह से गरामोड़ा तक टोल प्लाजा संचालित होगा। हालांकि, आदेश में साफ किया गया है कि केवल 48.935 किलोमीटर सड़क पर ही टोल वसूली होगी। क्योंकि 0.83 किलोमीटर हाईवे क्षतिग्रस्त है और मरम्मत कार्य पूरा होने तक वहां से टोल नहीं लिया जाएगा।

डीसी राहुल कुमार ने आदेश में कहा कि एनएचएआई और संबंधित प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि टोल वसूली केवल कम हुई सड़क लंबाई पर ही हो। साथ ही, टोल प्लाजा प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि हेल्पलाइन नंबर और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए संकेतक लगाए जाएं, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो। इसके अलावा, टोल वसूली की प्रक्रिया पारदर्शी रखने पर भी जोर दिया गया।

गौर करने वाली बात यह है कि 20 अगस्त को टोल बंद करने के आदेश के बावजूद कंपनी की ओर से अवैध वसूली जारी रही थी। इस दौरान गरामोड़ा में लोगों ने जमकर हंगामा भी किया। फिलहाल, इस फोरलेन पर कुल चार टोल प्लाजा मौजूद हैं, जिनमें मंडी का टकोली और मनाली का डोहलुनाला टोल प्लाजा पहले से ही बंद हैं। अब सरकार के इस अचानक फैसले ने लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है।