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Sat, Dec 20, 2025

भारी बारिश से तबाह हिमाचल प्रदेश, पूरा राज्य आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से हुई तबाही को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है।
भारी बारिश से तबाह हिमाचल प्रदेश, पूरा राज्य आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित

हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से हुई तबाही को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि अब तक मानसून के दौरान 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि हालात गंभीर हैं, इसलिए आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू करते हुए हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इसके आदेश भी जारी कर दिए।

पूरा हिमाचल आपदा प्रभावित घोषित

मुख्य सचिव ने बताया कि इस मानसून सीजन में 45 जगह बादल फटने, 91 जगह बाढ़ आने और 105 स्थानों पर बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। इन हादसों में अब तक 161 लोगों की जान जा चुकी है और 40 लोग लापता हैं। इसके अलावा सड़क हादसों में 154 लोगों की मौत हुई है। प्राकृतिक आपदाओं से 845 घर पूरी तरह ढह गए हैं, जबकि 3,254 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी तक हुए कुल नुकसान का अनुमान 3,056 करोड़ रुपये लगाया गया है, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य ढांचागत नुकसान का आकलन अलग से किया जाएगा।

बारिश और भूस्खलन के चलते मनाली, लाहौल-स्पीति और चंबा-भरमौर जैसे क्षेत्रों से राष्ट्रीय राजमार्गों का सड़क संपर्क टूट गया है। कई यातायात और पैदल पुल बह गए हैं या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। चंबा और मणिमहेश जाने वाले रास्तों पर कई यात्री अभी भी फंसे हुए हैं, हालांकि हजारों लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दिक्कतें आ रही हैं।

सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने के आदेश दिए हैं। इसके तहत जिला मजिस्ट्रेट आपात स्थिति में तुरंत आदेश जारी कर सकेंगे। लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड को सेवाओं की बहाली के लिए युद्धस्तर पर काम करने को कहा गया है। सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को राहत और पुनर्वास कार्य समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा दूरसंचार सेवाओं को दुरुस्त करने और प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल व लैंडलाइन कनेक्टिविटी तुरंत बहाल करने का आदेश जारी हुआ है। पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को भी राहत, पुनर्स्थापन और आपात प्रतिक्रिया के लिए सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।