हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में सीमित सीधी भर्ती (एलडीआर) के माध्यम से एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) शिक्षकों को नियमित नियुक्ति का अवसर देने का फैसला किया है। इसके तहत विभिन्न श्रेणियों जैसे टीजीटी, शास्त्री, ड्राइंग मास्टर (डीएम) और लैंग्वेज टीचर (एलटी) के कुल 143 पदों को इस साल भरा जाएगा। इस संबंध में सरकार ने स्कूल शिक्षा निदेशालय को आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों के अनुसार 31 मार्च 2025 तक उपलब्ध मौजूदा रिक्तियों और अनुमानित रिक्तियों के आधार पर पांच फीसदी एलडीआर कोटे के अंतर्गत इन पदों पर भर्ती की जाएगी। इससे बड़ी संख्या में लंबे समय से सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षकों को राहत मिलेगी।
सरकार के मुताबिक, शेष 1284 पद (कुल 1427 में से 143 घटाने के बाद) को आगामी वर्षों में भरा जाएगा। इन पदों पर नियुक्ति पांच फीसदी एलडीआर दर में छूट के साथ होगी और यह छूट केवल बैच-बाइज कोटा श्रेणी की रिक्तियों पर लागू होगी। चूंकि इस साल इतनी बड़ी संख्या में रिक्तियां उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए चयनित उम्मीदवारों को भविष्य में उत्पन्न होने वाली रिक्तियों में समायोजित किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला के माध्यम से आयोजित की जाएगी और इन शिक्षकों की भर्ती कार्मिक विभाग की अधिसूचना के अनुसार “जॉब ट्रेनी” के रूप में की जाएगी।
143 पद भरने की प्रक्रिया शुरू
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि भर्ती और पदोन्नति नियमों के प्रावधानों के अनुसार ही चयन किया जाएगा। एलडीआर प्रक्रिया से होने वाली यह भर्ती उन शिक्षकों के लिए बड़ा अवसर है जो वर्षों से एसएमसी आधार पर सेवाएं दे रहे थे और नियमितीकरण की उम्मीद कर रहे थे। इस निर्णय से शिक्षा विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मियों को स्थिरता मिलने की संभावना है और विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था भी मजबूत होगी।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जेबीटी वर्ग में 62 पद, टीजीटी संस्कृत में 6 पद, ड्राइंग मास्टर में 16 पद, टीजीटी हिंदी में 11 पद, टीजीटी कला में 24 पद, टीजीटी नॉन-मेडिकल में 13 पद और टीजीटी मेडिकल में 11 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इन पदों की भर्ती पूरी पारदर्शिता के साथ होगी और चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण पूरा करने के बाद स्थायी शिक्षक के तौर पर समायोजित किया जाएगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस फैसले से न केवल शिक्षकों की चिंता कम होगी, बल्कि छात्रों को भी बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा।





