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Wed, Dec 17, 2025

HRTC ने 22 सीटों वाली मिडी बसों के लिए किया टेंडर, ग्रामीण और शहरी रूटों पर मिलेगी राहत

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने 22 सीटों वाली मिडी बसों की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिया है। निदेशक मंडल की बैठक में अनुमति मिलने के बाद निगम प्रबंधन ने यह कदम उठाया है।
HRTC ने 22 सीटों वाली मिडी बसों के लिए किया टेंडर, ग्रामीण और शहरी रूटों पर मिलेगी राहत

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने 22 सीटों वाली मिडी बसों की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिया है। निदेशक मंडल की बैठक में अनुमति मिलने के बाद निगम प्रबंधन ने यह कदम उठाया है। बहुत जल्द यह टेंडर खोला जाएगा और उम्मीद है कि एचआरटीसी के बेड़े में नई मिडी बसें शामिल हो जाएंगी। इससे पहले निगम ने टैम्पो ट्रैवलर खरीदने का प्रयास किया था, लेकिन कंपनियों ने इसके लिए बहुत अधिक कीमत मांगी। इस कारण दो बार टेंडर करने के बावजूद योजना पर अमल नहीं हो पाया और अब मिडी बसों को खरीदे जाने का निर्णय लिया गया है।

22 सीटों वाली मिडी बसों के लिए किया टेंडर

ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी बसों की भारी जरूरत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। हिमाचल के कई दुर्गम इलाकों में बड़ी बसें नहीं पहुंच पातीं और लोग आवाजाही में कठिनाई झेलते हैं। शुरुआत में टैम्पो ट्रैवलर चलाने की योजना बनी थी, मगर केवल एक-दो कंपनियां ही आगे आईं और ऊंची कीमतों के चलते मामला अटक गया। अब करीब 100 मिडी बसें खरीदी जाएंगी, जिनमें कई कंपनियां रुचि दिखा रही हैं। शहरी इलाकों, खासकर शिमला के छोटे-छोटे वार्डों के रूटों पर भी इन बसों की जरूरत है।

शिमला में पहले जेएनएनयूआरएम योजना के तहत छोटी बसें खरीदी गई थीं, लेकिन अब उनकी अवधि पूरी हो चुकी है और वे रूट से हटा दी गई हैं। इनके स्थान पर अब नई मिडी बसें लाई जा रही हैं। सरकार ने इस खरीद के लिए पहले ही एचआरटीसी को बजट उपलब्ध करवा दिया है। इसके साथ ही निगम को 250 डीजल बसों और इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी बजट दिया गया है। इनकी खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हाल ही में सरकार ने निगम को 24 वोल्वो बसें भी उपलब्ध कराई थीं, जो रूट पर दौड़ रही हैं।

नई मिडी बसों के आने से एचआरटीसी के बेड़े की क्षमता बढ़ेगी और यात्रियों को सीधी राहत मिलेगी। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इन बसों के चलते आवाजाही आसान होगी और लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिल सकेगी। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह बसें रूटों पर दौड़ती नजर आएंगी और परिवहन व्यवस्था और मजबूत होगी।