हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। बीती रात कुल्लू, किन्नौर, लाहौल स्पीति और शिमला के सीमावर्ती इलाकों में पांच स्थानों पर बादल फटने से कई पुल, वाहन, मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। राहत की बात है कि इन आपदाओं में किसी जनहानि की सूचना नहीं है। प्रशासन ने खतरे वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, लेकिन दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 325 सड़कें बंद होने से यातायात और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
मौसम विभाग ने चम्बा, कांगड़ा और मंडी में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के साथ ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जबकि शुक्रवार से रविवार तक कई जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ लागू है। कुल्लू के बंजार, मंडी के गोहर, ऊना और शिमला के जुब्बल व बंजार उपमंडलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। भारी बारिश के कारण मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग की टनल सहित कई मार्ग अवरुद्ध हैं, और प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
होजो लुंगपा नाले में बाढ़ के कहर
किन्नौर में बादल फटने से सतलुज नदी पर एक पुल बह गया और एक व्यक्ति घायल हो गया। होजो लुंगपा नाले में बाढ़ ने सड़क निर्माण कार्य को ठप कर दिया, जबकि पूह गांव की पेयजल योजना को भी नुकसान पहुंचा। सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण करछम वांगतु नाथपा बांध के द्वार खोले गए हैं। पागल नाला, नाथपा और निगुलसरी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग भी बाधित है, जिससे आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है।
63अचानक बाढ़ 31 बादल फटे 57 बड़े भूस्खलन दर्ज
20 जून से शुरू हुए मॉनसून ने हिमाचल में अब तक 2031 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान 126 लोगों की मौत हुई और 36 लोग लापता हैं। बारिश से जुड़ी घटनाओं में 63 अचानक बाढ़, 31 बादल फटने और 57 बड़े भूस्खलन दर्ज किए गए हैं। प्रशासन बचाव और राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका के बीच लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।





