हिमाचल प्रदेश में लॉटरी योजना दोबारा शुरू करने के निर्णय को लेकर सियासत तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस फैसले को प्रदेशहित के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने सामाजिक नुकसान को देखते हुए इस योजना को बंद कर दिया था। क्योंकि लॉटरी के चलते कई परिवार उजड़ गए थे. और कुछ मामलों में आत्महत्याएं भी हुई थीं।
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पंजाब के साथ डील कर लॉटरी योजना को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने दावा किया कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में भी इस योजना को शुरू करने का दबाव बनाया गया था. लेकिन इसे जनहित में खारिज कर दिया था। भाजपा अब इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरकर विरोध करने की तैयारी में हैं।
आपदा राहत पैकेज पर भी उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने 2023 की आपदा राहत के पैकेज को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। कहा कि सरकार ने 7 लाख रुपये मुआवजे का वादा किया था. लेकिन अब तक केवल एक ही किस्त लोगों को मिली है। उन्होंने पूछा कि सरकार द्वारा घोषित 4500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का पैसा आखिर गया कहां. जब तक प्रभावितों को पूरी मदद नहीं मिलती, तब तक सरकार की घोषणाएं केवल दिखावा हैं।
हिमाचल निर्माता की जयंती पर सरकार को घेरा
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की जयंती पर सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए थी। उन्होंने अफसोस जताया कि ऐसे महत्वपूर्ण अवसर पर न तो मुख्यमंत्री और न ही उपमुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। साथ ही मानसून सत्र में लॉटरी योजना राहत पैकेज और मंत्री जगत सिंह नेगी के रवैये जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की बात भी कही।





