उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना जिले के हरोली में आयोजित 76वें वन महोत्सव में कहा कि हिमाचल सरकार ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ जनभागीदारी को बढ़ावा देना है। योजना के तहत महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को वनीकरण गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। बंजर भूमि पर फलदार वृक्ष लगाने के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर 1.20 लाख रुपये तक की सहायता और 50% से अधिक पौधों के जीवित रहने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार बड़े प्रजाति के पेड़ों के संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है। ऊना जिले में पहली बार आम, पीपल और बरगद के कुल 46,425 पेड़ों की गिनती और जियो टैगिंग की गई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ऊना में 2.78 लाख पौधे रोपे जाएंगे, जिसमें हरोली में वन घनत्व बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। 20 हजार खैर के पौधे मुफ्त में बांटे गए हैं, जबकि 831 पौधे बरगद, पीपल, शमी और बिल प्रजातियों के भी लगाए गए हैं।
बल्क ड्रग पार्क से हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार
उन्होंने बताया कि हरोली में बनने वाला राष्ट्रीय बल्क ड्रग पार्क हिमाचल को फार्मा हब बनाने की दिशा में अहम कदम है। इसके लिए 900 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए जा चुके हैं और भविष्य में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश और 10,000 से अधिक रोजगार मिलने की संभावना है। इसके अलावा हरोली कॉलेज में एमए और प्रोफेशनल कोर्स शुरू किए गए हैं, और क्षेत्र में एथलेटिक्स ट्रैक, हेलीपोर्ट, ट्रांसपोर्ट पार्क जैसी अधोसंरचना योजनाएं भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं।
सहकारिता और शिक्षा क्षेत्र में बढ़ रही पहचान
अग्निहोत्री ने कहा कि हरोली सहकारिता आंदोलन का अग्रदूत रहा है और अब हिमकैप्स संस्था आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के साथ अपनी पहचान और सुदृढ़ कर रही है। पंजावर में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान भी बनाया जा रहा है। विकास को रोकने की कोशिश करने वालों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आलोचना से उनके इरादे नहीं डगमगाएंगे। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता, पंचायत प्रधान, पूर्व सैनिक और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।





