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Mon, Dec 8, 2025

हिमाचल की बेटियों के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू का बड़ा तोहफा,1500 रुपये देने की योजना को दी मंजूरी

Written by:Neha Sharma
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ के तहत 21 वर्ष की आयु पूरी करने वाली पात्र बेटियों को 1500 रुपये मासिक देने की मंजूरी प्रदान की है। इस योजना के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है।
हिमाचल की बेटियों के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू का बड़ा तोहफा,1500 रुपये देने की योजना को दी मंजूरी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ के तहत 21 वर्ष की आयु पूरी करने वाली पात्र बेटियों को 1500 रुपये मासिक देने की मंजूरी प्रदान की है। इस योजना के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा 17 मार्च 2025 को पेश किए गए बजट की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच 21 वर्ष की आयु पूरी करने वाली पात्र बेटियों को यह लाभ देने की बात कही गई थी।

इस योजना के तहत अब तक 18 से 59 वर्ष की आयु की 42,000 से अधिक महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये सम्मान राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस योजना की शुरुआत लाहौल-स्पीति से की थी, और बाद में विभिन्न क्षेत्रों के दौरे के दौरान पात्र महिलाओं को तीन माह की सम्मान राशि यानी 4,500 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई। यह योजना कांग्रेस की उस चुनावी घोषणा से जुड़ी है, जिसमें 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था।

लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित

इंदिरा गांधी प्यारी बहना योजना के तहत लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं। पात्र बेटी के परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी या अर्धसरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए, न ही किसी सदस्य को पेंशन मिल रही हो। इसके अलावा, परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन सभी मानकों की पुष्टि के बाद ही लाभार्थी को योजना के अंतर्गत राशि दी जाएगी।

पंचायतों से मंजूर करवाने होंगे नए आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के लिए नए आवेदनों को पंचायतों से मंजूरी दिलवाना आवश्यक होगा। पात्र बेटियों के आवेदन जांचने के बाद ही भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सामाजिक व आर्थिक रूप से सम्मान देना है।