थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। थाईलैंड ने कंबोडिया पर क्लस्टर बम से हमला करने का आरोप लगाया है, जबकि कंबोडिया की तरफ से जवाब में कहा गया है कि सीमा पर पहले से मौजूद बारूदी सुरंगें ही असली वजह हैं। दोनों देशों के बीच कई दशकों से सीमा विवाद चल रहा है, लेकिन इस बार हालात और ज्यादा बिगड़ते नजर आ रहे हैं।
कंबोडिया का दावा- नई सुरंग नहीं बिछाई, सैनिक रास्ता भटके
थाईलैंड का आरोप है कि कंबोडिया उसकी सीमा के पास नई बारूदी सुरंगें बिछा रहा है, जिससे थाईलैंड के तीन सैनिक घायल हुए हैं। लेकिन कंबोडिया का कहना है कि उनके सैनिक गलती से पुराने रास्ते पर चले गए थे, जहां पहले से मौजूद सुरंग सक्रिय हो गई। कंबोडिया ने साफ कहा है कि उसने कोई नई बारूदी सुरंग नहीं बिछाई है।
लाखों में हो सकती हैं सुरंगें, चीन कर रहा मदद
कंबोडिया की जमीन पर मौजूद ये बारूदी सुरंगें गृहयुद्ध के दौरान बिछाई गई थीं और अब तक पूरी तरह साफ नहीं की जा सकी हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनकी संख्या लाखों में हो सकती है। चीन इस समस्या के समाधान में मदद कर रहा है। चीन की सेना ने पिछले साल कंबोडिया और लाओस में सुरंग हटाने की ट्रेनिंग दी थी ताकि इस क्षेत्र में शांति बनाई जा सके।
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जा सकता है मामला
अगर थाई नागरिक या सैनिक बारूदी सुरंगों की वजह से घायल या मारे जाते हैं, तो थाईलैंड इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट तक ले जा सकता है। दरअसल, कंबोडिया वर्ष 2000 से ओटावा संधि का सदस्य है, जिसमें लैंडमाइन के इस्तेमाल पर रोक है। ऐसे में अगर कंबोडिया पर सुरंग के गलत इस्तेमाल का आरोप साबित होता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाब देना पड़ सकता है।





