Study Abroad : भारत से हर वर्ष लाखों स्टूडेंट्स पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं। शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 में यूएसए में दस लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया, इनमें से भारत लगभग 2.69 लाख छात्रों के साथ दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता था। इस दौरान कनाडा ने लगभग 9 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र पहुंचे, इनमें से भारतीयों की संख्या लगभग 3.20 लाख थी। यूके में अन्य देशों से पहुंचे लगभग 7.50 लाख बच्चों में से 1.50 लाख बच्चे भारतीय थे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया जाने वाले 7.50 इंटरनेशनल स्टूडेंट्स में से 1.27 लाख स्टूडेंट्स इंडियन थे। अगर आप भी स्टडी के लिए विदेश जाने का मन बना रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी एग्जाम्स के बारे में जान लेना जरूरी है, जिन्हें वहां एडमिशन लेने के लिए पास करना जरूरी है। हालांकि अलग-अलग देशों और यूनिवर्सिटी या कॉलेज के आधार पर ये परीक्षाएं बदल सकती हैं। लेकिन हम यहां ऐसी प्रमुख परीक्षाओं की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें पास करना आमतौर पर आवश्यक है।
लैंग्वेज टेस्ट
1. अंग्रेजी बोलने वाले देशों (यूएसए, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, आदि) के लिए
- आईईएलटीएस (इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज सिस्टम) : दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है।
- टीओईएफएल (टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज फॉरेन लैंग्वेज) : यूएसए और कनाडा में लोकप्रिय ।
- पीटीई (पियरसन टेस्ट ऑफ इंग्लिश): कई देशों और संस्थानों में स्वीकार किया जाता है।
2. गैर-अंग्रेजी बोलने वाले देशों के लिए
- डीईएलएफ/डीएएलएफ (फ्रेंच): फ्रांस जैसे फ्रेंच बोलने वाले देशों में अध्ययन करने के लिए।
- TestDaF या DSH (जर्मन): जर्मनी में अध्ययन के लिए।
- JLPT (जापानी भाषा. प्रवीणता परीक्षा): जापान में अध्ययन के लिए।
स्टैंडर्ड्स टेस्ट
1. ग्रेजुएशन : सैटः संयुक्त राज्य अमेरिका की चुनिंदा यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए स्कोलास्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (SAT) उत्तीर्ण करना आवश्यक है। इस टेस्ट के दो पार्ट होते हैं। रीजनिंग टेस्ट और सब्जेक्ट टेस्ट। यूएसए में SAT हर साल सात बार लिया जाता है। हालांकि सैट का स्कोर हमेशा मान्य रहता है, लेकिन कई संस्थान पांच वर्ष से पुराने स्कोर वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता नहीं देते।
ACT (अमेरिकी कॉलेज परीक्षण): यह SAT का विकल्प है, जिसे अमेरिकी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा ग्रेजुएशन मे एडमिशन के लिए व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। यह अंग्रेजी, गणित और विज्ञान व रीजनिंग का आंकलन करता है।
2. पोस्ट ग्रेजुएशनः जीआरई- यूएसए या कनाडा की कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज इंजीनियरिंग और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में पीजी प्रोग्राम्स के लिए ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन (GRE) के स्कोर कोल मान्यता देते हैं। इस परीक्षा में उम्मीदवार की वर्बल, मैथ्स और जनरल एनालिटिकल स्किल्स परखी जाती हैं। जीआरई स्कोर पांच कि वर्ष के लिए मान्य रहता है।
जीमैटः जो स्टूडेंट्स हार्वर्ड बिजनेस स्कूल व स्टैनफोर्ड जैसे टॉप बिजनेस इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन चाहते हैं, उनके लिए ग्रेजुएट इ मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (जीमैट) पास करना आवश्यक है। जीमैट स्कोर पांच वर्ष के लिए मान्य रहता है।
3. मेडिकल प्रोग्रामः एमसीएटी जो उम्मीदवार संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और कैरेबियन द्वीप समूह में मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा (MCAT) उत्तीर्ण करना आवश्यक है। इसका स्कोर तीन साल के लिए वैध रहता है।
BMAT (बायोमेडिकल एडमिशन टेस्ट): यह स्टैंडर्डाइज्ड एग्जाम है जो दुनिया भर के चुनिंदा विश्वविद्यालयों में मेडिकल, डेंटल और बायोमेडिकल साइंस प्रोग्राम में प्रवेश के लिए आवश्यक है। यह समस्या-समाधान, वैज्ञानिक ज्ञान और लिखित संचार कौशल में योग्यता का आकलन करता है। यह परीक्षा यूके और कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।
4. लॉ प्रोग्रामः एलएसएटी- संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया या कनाडा में कानूनी करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट (LST) अनिवार्य है। एलएसएटी का आयोजन साल में दो बार जनवरी और जून महीने में किया जाता है। एलएसटी का स्कोर पांच साल के लिए मान्य है, लेकिन यह इंस्टिट्यूट पर निर्भर है कि वह नए अभ्यर्थियों के मुकाबले पुराने अभ्यर्थियों को तवज्जो देगा या नहीं।