भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस के निर्देश के बाद से लोकायुक्त पुलिस घूसखोरों पर पैनी नजर जमाये हुए है, इसी क्रम में एक बार फिर एक रिश्वतखोर सरकारी अफसर लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ा है, लोकायुक्त पुलिस ने उसके पास से रिश्वत में ली गई राशि भी जब्त की है।
खंडवा जिले के रतागढ़ हरसूद नाका निवासी ज्योति पाल ने एक शिकायती आवेदन लोकायुक्त एसपी इंदौर को एक आवेदन दिया जिसमें बाल संप्रेषण गृह खंडवा के अधीक्षक पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये।
आवेदन में 48 वर्षीय ज्योति पाल ने लिखा कि वे बाल संप्रेषण गृह खंडवा में बीते चार वर्षों से रसोइया के रूप में कार्यरत हैं।उनका जून और जुलाई 2025 का वेतन लंबित है, उन्होंने वेतन निकालने के लिए अधीक्षक हरजिन्दर सिंह अरोरा ( मूल विभाग – महिला एवं बाल विकास, खंडवा) से निवेदन किया।
रसोइया से बोले अधीक्षक, रिश्वत दो नहीं तो नौकरी से हटा देंगे
उन्होंने लिखा कि अधीक्षक अरोरा ने उनसे दो माह के वेतन के भुगतान के बदले 2,000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से कुल 4,000 रुपये की रिश्वत की मांग की और पैसे नहीं देने पर नौकरी से हटाने की धमकी भी दी। शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने इसकी जाँच की।
4000 रुपये की रिश्वत लेते अधीक्षक गिरफ्तार
जाँच में रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने के बाद आज 12 अगस्त 2025 को लोकायुक्त पुलिस इंदौर एसपी राजेश सहाय के निर्देश पर ट्रैप दल का गठन किया गया और खंडवा में आरोपी को 4,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया । आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्रवाई जारी है।
खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट





