Fact Check : जानिये अंतरिक्ष से जुड़े ये बड़े मिथक और उनका सच

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दोपहर में कहानी सुनाने से मामा रास्ता भूल जाते हैं या बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ होता है। ऐसी कई मान्यताएं और मिथक (myth) है जो सदियों से हमारे समाज में व्याप्त है। लेकिन कई बार सच एकदम उलट होता है। खासकर अंतरिक्ष (space) को लेकर हमारी कल्पनाएं बहुत रोमांचकारी है। ये विषय आज भी जनसाधारण के लिए रहस्य से भरा है और यही वजह है कि इसके तमाम विषयों और घटनाओं को लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी हैं। आज हम ऐसे ही कुछ मिथकों का फैक्ट चेक (fact check) करेंगे और उनकी सच्चाई जानेंगे।

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  • सूरज का रंग पीला होता है या सफेद। या फिर नारंगी या लाल। पृथ्वी से हमें सामान्यता सूरज पीला या सुनहरा दिखाई देता हैं लेकिन अंतरिक्ष से सफेद। दरअसल पृथ्वी पर वातावरण है और सूर्य का प्रकाश वायुमंडल की परतों से गुजरता है। इसी दौरान प्रकिर्णन के प्रभाव से ये हमें पीला या कभी लाल केसरिया दिखाई देता है। वहीं अंतरिक्ष में वायुमंडल नही है इसलिये वहां से हमें सूर्य सफेद दिखाई देता है। असल में सूर्य की रोशनी सभी रंगों को आपस में मिलाती है और इसीलिए अंतरिक्ष से वो हमें सफेद दिखाई देता है।
  • द ग्रेट वॉल आफ चाइना के बारे में इतनी किवदंतियां है कि उसपर कई किताबें लिखी जा सकती है। अक्सर कहा जाता है कि दुनिया की ये सबसे लंबी दीवार अंतरिक्ष से भी साफ नजर आती है। लेकिन ये बिल्कुल सच नहीं है। चीन की दीवार तो क्या, अंतरिक्ष से पृथ्वी का कुछ भी एकदम साफ नजर नहीं आता।
  • अगर आप भी ये मानते हैं कि चंद्रमा एक दिन में पृथ्वी का चक्कर लगा लेता है तो ये जानकारी दुरुस्त करने का समय है। चंद्रमा को धरती का चक्कर पूरा करने में 27 दिन का समय लगता है। यही वजह है कि आपको रोज इसकी आकृति बदली हुई नजर आती है।
  • सूरज आग का गोला है और बुध ग्रह इसके सबसे नजदीक है इसलिए सबसे गर्म है। ये बात हमारी सामान्य समझ में आसानी से फिट हो जाती है और हम इसपर यकीन कर लेते है। लेकिन ऐसा नहीं है। किसी भी ग्रह के सूर्य के पास या दूर होने से उसके तापमान पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। किसी भी ग्रह पर कौन सी गैस मौजूद है ये सबसे बड़ा कारण है उसके ज्यादा या कम गर्म होने का। इसीलिए बुध से ज्यादा शुक्र ग्रह गर्म है क्योंकि वहां कार्बन डाई ऑक्साइज बहुत मात्रा में है।
  • कई साइंस फिक्शन या स्पेस फिल्मों में आपने देखा होगा कि जब दो जहाज लड़ते हैं तो तेज आवाज आती है। लेकिन स्पेस में आवास सुनाई देना संभव नहीं है। आवाज को तैरने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है जो हवा है। स्पेस में कोई गैस या हवा नहीं है इसलिए यहां किसी भी चीज के टकराने पर आवाज नहीं आती है।
  • ये सच है कि अंतरिक्ष में हवा और पानी नहीं है। लेकिन वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं है ये बात एक मिथ है। अंतरिक्ष में भी गर स्थान पर थोड़ी बहुत ग्रेविटी होती है और यही कारण है कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है। अगर ऐसा नहीं होता तो काफी पहले ही चंद्रमा पृथ्वी की कक्षा से आजाद हो चुका होता।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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