अजब-गजब: Solapur जिले में एक ही छत के नीचे रहते हैं 72 सदस्य, दोईजोडे परिवार के नाम से है फेमस

Sanjucta Pandit
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Solapur Family : भारत में संयुक्त परिवार का काफी महत्तव है। यहां की परंपरा, संस्कृति, रिश्ते-नातों की गुणगान देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में की जाती है। भारत में संयुक्त परिवार का चलन काफी लंबे समय से है, जिसमें परिवार के मुखिया सभी को समेट कर एक साथ चलते हैं, तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको भारत के एक ऐसे ही परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें एक ही परिवार के 72 लोग एक ही छत के नीचे रहते हैं जो कि इन दिनों सोशल मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है। तो आइए जानते हैं इस परिवार के बारे में विस्तार से…

दोईजोडे परिवार के नाम से है फेमस

यह परिवार महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में रहता है जो कि करीब सौ साल पहले कर्नाटक से आकर बसा था। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, एक आदमी अपनी पत्नी के साथ सोलापुर कमाने आया था और यहां बस गया। जिसके बाद इनकी चार पीढ़ियां हुई, जिसमें अब 72 सदस्य साथ रहते है। पूरा परिवार दोईजोडे परिवार के नाम से जाना जाता है।

घर में जलता है 7 चुल्हा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक ही दिन में परिवार में करीब दस लीटर से अधिक दूध खर्च होता है। वहीं, अगर साग-सब्जियों की बात की जाए तो करीब पंद्रह सौ रुपए की सब्जियां आती है। अब आपको बता दे कि घर में जितनी भी महिलाएं है वो सभी एक साथ मिलकर परिवार के लिए खाना बनाती हैं। इसके लिए घर में करीब 7 चुल्हे जलाए जाते हैं। जिसपर तरह-तरह के पकवान बनाएं जाते हैं।

कपड़ा का करते हैं व्यवसाय

परिवार के सभी लोग कपड़ा का व्यवसाय करते हैं। जिनके पास एक नहीं बल्कि कई सारे कपड़ें दुकान है जो कि काफी फेमस है। इसके अलावा कुछ लोग कपड़ों को दूसरी जगहों पर जाकर बेचते हैं। इस परिवार में बच्चों की संख्या भी है जो स्कूल और कॉलेज जाते हैं। इस परिवार में सभी लोग एक-दूसरे से मिलकर साथ में काम करते हैं, आपस में मिलकर, प्रेम भाव के साथ रहते हैं।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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