पृथ्वी में एक से बढ़कर एक चीज पाई जाती हैं, जिसकी सुंदरता काफी अलग होती है। धरती पर जीव-जंतु, पशु-पक्षी, मनुष्य के अलावा सागर और नदी भी है। भारत की बात करें, तो यहां नदियों को देवी का दर्जा दिया गया है। लोग इन्हें मां कहकर पुकारते हैं। भारत में बहने वाली सभी नदियों को पवित्र माना जाता है। सनातन धर्म में नदियों में डुबकी लगाना पुण्य का कार्य मानते हैं। वहीं, नदी के किनारे तट पर सुबह और शाम आरती भी की जाती है। जिसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं। इससे लोगों की आस्था जुडी हुई है।
सनातन धर्म में नदियों को लेकर बहुत सारे महत्व बताए गए हैं। हर नदी की अपनी अलग-अलग कथा है। इन सभी नदियों का एक उद्गम स्थल भी होता है और बहुत सारे जगह ऐसे भी है, जहां नदियों का संगम भी होता है।

पृथ्वी का इकलौता संगम
आज हम आपको उस संगम के बारे में बताएंगे, जहां दो नदियों का पानी कभी भी मिलता नहीं है। इसके पीछे वैज्ञानिक वजह भी शामिल है। यह प्राकृतिक कि वह खूबसूरत घटना है, जो आपको आश्चर्यचकित कर देगी। यह पृथ्वी का इकलौता संगम माना गया है।
अरागवी नदी
दरअसल, इस नदी का नाम अरागवी नदी है, जो कि जॉर्जिया में स्थित है। यह एक ऐसा अनोखा संगम है, जहां एक नदी की धारा सफेद है, तो दूसरी नदी की धारा मटमैली है। यहां दो नदियां आपस में मिलती जरूर है, लेकिन उनका पानी मिक्स नहीं होता। कुदरत का यह नजारा देखने के लिए यहां हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।
वैज्ञानिक तर्क
वैज्ञानिकों के अनुसार, दोनों नदियों के पानी का घनत्व और तापमान अलग-अलग है। जिस कारण अपनी एक दूसरे से नहीं मिलता और यह बिल्कुल अलग दिखाई देता है। Tetri अरागवी जिसका पानी सफेद होता है, वह गुडौरी से नीचे पासनौरी शहर तक बहती है। यहां यह Shavi अरागवी से मिलती है। जिसका पानी मटमैला होता है। Shavi अरागवी उत्तर पूर्व में गोदामकरी की मुख्य नदी है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)