Mahashivratri: बहुत अद्भुत है भोलेनाथ का ये मंदिर, भक्तों को हैरान कर देती है अनोखी संरचना

दुनिया में कई अजूबे मौजूद है जो लोगों को हैरान करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं, जिसका निर्माण एक ही शिला से किया गया है।

Mahashivratri

Mahashivratri 2024: हिंदुस्तान एक ऐसी जगह है जहां देवी देवताओं के कई मंदिर हैं। यहां असख्य मंदिरों की संख्या के बीच कुछ मंदिर ऐसे भी हैं, जो अपनी खासियतों के चलते पहचाने जाते हैं। भारत के उत्तरी किनारे से लेकर दक्षिणी किनारे तक कई सारे शिव मंदिर भी बसे हुए हैं। इन मंदिरों में भक्त अपनी मुराद लेकर पहुंचते हैं और इनसे तरह की मान्यताएं भी जुड़ी हुई है।

हम आपको भारत के महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बसे हुए ऐतिहासिक और पौराणिक स्थान कैलाश मंदिर के बारे में बताते हैं। भगवान शिव को समर्पित की गई यह जगह बहुत ही अनोखी है। यह मंदिर एलोरा की गुफाओं में बसा हुआ है जिसे देखकर कोई भी हैरान हो सकता है। इसको संरचना से प्रभावित होकर दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं।

कैलाश मंदिर का इतिहास

इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण 757 से 783 ई के बीच करवाया गया था। 40000 टन के एक पत्थर को काटकर इस पूरे मंदिर का निर्माण किया गया है। इतिहासकारों की माने तो मंदिर बनाने में 7000 से ज्यादा लोगों ने सहयोग किया था। यहां भगवान शिव का सुंदर शिवलिंग भी विराजित है। ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर बिल्कुल हिमालय के कैलाश मंदिर की तरह नजर आता है।

मंदिर से जुड़े रहस्य

इस मंदिर से कई तरह के रोचक तथ्य भी जुड़े हुए हैं। बताया जाता है कि सिर्फ एक सप्ताह के अंदर इसका निर्माण कर दिया गया था। यह भी बताया जाता है कि खुदाई के दौरान यह सामने आया था। इस मंदिर से एक पुरानी कहानी भी जुड़ी हुई है। जिसमें बताया जाता है कि राजा नरेश कृष्ण प्रथम बहुत बीमार चल रहे थे। उनकी पत्नी ने ये प्रण लिया था कि अगर उनके पति ठीक हो जाएंगे तो वह भगवान शिव का विशाल मंदिर बनवाएंगी। उसी के बाद इसका निर्माण करवाया गया। हालांकि, इस कहानी के सत्य होने की जानकारी कहीं नहीं मिलती।

अद्भुत है वास्तुकला

इस मंदिर की वास्तु कला सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली है। इसे देखने के बाद कोई भी सोच में पड़ सकता है। इस मंदिर को एक ही पत्थर की शिला पर निर्मित किया गया है और यह दो मंजिल है। कुछ लोग तो यह भी बताते हैं कि इसका निर्माण करने में काफी वक्त लगा होगा। ये 90 फीट ऊंचा है और देखने में बहुत ही सुंदर लगता है।

कब होंगे दर्शन

अगर आप कैलाश मंदिर के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो सुबह 7 से लेकर शाम 6 बजे तक यहां पर जा सकते हैं। मंगलवार के दिन यह मंदिर बंद रखा जाता है। शिवरात्रि की मौके पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर और एलोरा की गुफाओं को देखने के लिए भारतीयों से 10 रुपए और विदेशी यात्रियों से ढाई सौ रुपए लिए जाते हैं।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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