लाजवाब है झारखंड के ये 5 व्यंजन, इनके स्वाद में है परंपरा का अनोखा मिश्रण

भारत के हर राज्य की संस्कृति और खानपान अलग और विशेष है। जब आप झारखंड जाएंगे तो आपको संस्कृति और खान-पान का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलेगा।

Diksha Bhanupriy
Published on -
popular food

Popular Food: भारत एक ऐसा देश है। जिसने हमेशा से ही अपनी समृद्धि संस्कृति और परंपराओं से दुनिया भर को आकर्षित करने का काम किया है। भारत की समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक स्थान और प्राकृतिक सुंदरता का दीदार करने के लिए लाखों सैलानी पर्यटक स्थलों पर पहुंचते हैं। घूमने फिरने के हिसाब से भारत एक बहुत ही सुंदर जगह मानी जाती है।

भारत के अलग-अलग राज्यों में आपको घूमने फिरने की एक से बढ़कर एक स्थान तो मिल ही जाएंगे। लेकिन जब आप इन जगहों पर जाएंगे तो आपको बेहतरीन स्वाद का आनंद लेने को भी मिलेगा। अगर आप भी खाने पीने और घूमने का शौक रखते हैं और झारखंड जाने का प्लान बना रहे हैं। तो झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता के साथ आपके यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी लेना चाहिए। चलिए हम आपके यहां के कुछ पकवानों के बारे में बताते हैं।

ढुस्का और छोला

यह झारखंड के सबसे फेमस व्यंजनों में से एक है। उड़द की दाल, चने की दाल और चावल से बनने वाला यह व्यंजन बहुत स्वादिष्ट होता है। इसे बनाने के लिए इन तीनों चीजों का पेस्ट तैयार किया जाता है। इसके बाद इस तेल में डीप फ्राई कर छोले के साथ परोसा जाता है।

बरआ

यह झारखंड के फेमस व्यंजनों में से एक है। यह उड़द की दाल और चावल से तैयार होता है। इसे बनाने के लिए उड़द की दाल और चावल को पीसकर रात भर रख दिया जाता है। रात भर में इसका खमीर तैयार होता है और फिर सुबह इसे डीप फ्राई किया जाता है। यह व्यंजन सांभर और नारियल की चटनी के साथ परोसा जाता है।

ढक्कन छिलका रोटी

यह झारखंड के सबसे प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक है, जो स्थानीय लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यह रोटी अरवा चावल से बनाई जाती है। इसके लिए चावल के बैटर को रात भर रखा जाता है। इसके बाद इसे मिट्टी के ढक्कन में कोयले की आंच पर पतले पेपर की तरह बनाया जाता है। यह काफी टेस्टी और हल्का होता है। झारखंड के आदिवासियों के बीच ये काफी प्रसिद्ध है।

पिट्ठा

झारखंड की सबसे स्वादिष्ट और प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक है। इस विशेष तौर पर सर्दियों के मौसम में आदिवासियों द्वारा तैयार किया जाता है। यह चावल के आटे से बनता है। जिस तरह से हम मैदे की गुजिया बनाते हैं। ठीक उसी तरह से चावल का आटा गुथकर तैयार किया जाता है और उसमें गुड और खोया डाला जाता है। इसके बाद इसे भांप में पकाया जाता है।


About Author
Diksha Bhanupriy

Diksha Bhanupriy

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

Other Latest News