Vastu Tips For Bedroom : घर में बेडरूम एक अहम हिस्सा होता है, जहां आप अपनी आराम से नींद लेते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को फिर से पुनर्जीवित करते हैं। इसलिए एक सुखी, शांतिपूर्ण और आरामदायक बेडरूम होना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ टिप्स हैं जो एक सुखी और आरामदायक बेडरूम के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। वहीं, वास्तु शास्त्र में बेडरूम के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं जो आपको एक सकारात्मक और शांतिपूर्ण माहौल प्रदान कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आज के आर्टिकल में हम आपको सही दिशा में पलंग रखने के उपाए बताएंगे…
पलंग को दरवाजे के सामने ना रखें
वास्तु शास्त्र में यह मान्यता है कि बेडरूम के दरवाजे के ठीक सामने पलंग स्थापित करने से वास्तुदोष पैदा हो सकते हैं। यह वास्तु नियम कहता है कि पलंग दरवाजे के निकट रखने से शरीर में विचित्रता, मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं। यदि पलंग को दूसरे स्थान पर बदलना संभव नहीं है तो आप दरवाजे पर पर्दा लगा सकते हैं। यह पर्दा आपके बेडरूम में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने, शांति और सुख की नींद को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।
पलंग के सामने नहीं होना चाहिए शीशा
वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसी मान्यताएं हैं जिनके अनुसार, पलंग के ठीक सामने शीशा या ड्रेसिंग टेबिल नहीं होनी चाहिए। इसका कारण माना जाता है कि जब हम सोते समय अपना प्रतिबिंब देखते हैं तो इससे पति-पत्नी के रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है और शारीरिक रूप से रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि आपके पलंग के सामने एक शीशा है और आपको इसे बदलने की संभावना नहीं है तो आप उसे कवर करने के लिए कपड़ा या कुर्ता आदि रख सकते हैं। इससे आपका प्रतिबिंब नहीं दिखेगा और वास्तुदोष को कम करने में मदद मिल सकती है।
आरामदायक होना चाहिए पलंग
वास्तु नियमों के अनुसार, पलंग लोहे या ठोस लकड़ी का नहीं होना चाहिए। यह कारण हो सकता है कि ठोस लकड़ी और लोहे की ऊर्जा धारण करने की क्षमता होती है जो नींद पर असर डाल सकती है। पलंग का आकार धनुषाकार, अर्धचंद्राकार या वृत्ताकार नहीं होना चाहिए क्योंकि यह सोने में असुविधा और मानसिक तनाव पैदा कर सकता है। सिरहाना और बिस्तर को आरामदायक बनाना वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण माना जाता है। सिरहाना ठोस लकड़ी का होने पर अधिक शुभ माना जाता है।
कोने से सटा न हो बिस्तर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर को कमरे के किसी भी कोने में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा रुक जाती है। बिस्तर की स्थिति दीवार के मध्य भाग के साथ होनी चाहिए ताकि कमरे में चारों ओर घूमने के लिए पर्याप्त जगह रहे। इससे आपको अपने दिमाग को शांत रखने और सुखी नींद को आसानी से प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
दक्षिण में पैर करने से बचें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में पैर करके सोने को अशुभ माना जाता है। इसलिए कुछ लोग इस विशेष दिशा की ओर पैर करके सोते हैं। वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि दक्षिण दिशा मृत्यु के देवता के लिए होती है। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से आपको आरामदायक और शांतिपूर्ण नींद मिलने में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा, दक्षिण दिशा में सोने से मन के रोग हो सकते हैं। जिससे आपको चिंता, तनाव हो सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)