सावधान! कहीं आप भी तो नहीं हो रहे रिलेशनशिप में थ्रोनिंग के शिकार, जानिए डेटिंग का यह नया विवादित ट्रेंड

आज के समय में रिश्तों और डेटिंग की परिभाषा में बड़ा बदलाव आया है। टेक्नोलॉजी और डेटिंग ऐप्स ने पार्टनर ढूंढ़ने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही नए ट्रेंड्स जैसे "थ्रोनिंग" और "घोस्टिंग" ने रिश्तों को अधिक सतही बना दिया है। अब लोग अक्सर सामाजिक प्रतिष्ठा और व्यक्तिगत फायदे के आधार पर संबंध बनाते हैं जिस कारण वास्तविक प्रेम और भावनात्मक जुड़ाव पीछे छूट जाते हैं। यह बदलाव रिश्तों के स्थायित्व और गहराई को चुनौती देता है।

Throning Dating

Beware of new dating trends : आज के नए ज़माने में डेटिंग और रिलेशनशिप की परिभाषा में भी बड़ा बदलाव आया है। पिछले कुछ सालों में डेटिंग ऐप्स ने भी इस परिवर्तन में बड़ी भूमिका निभाई है। इन प्लेटफॉर्म्स ने पार्टनर ढूंढने की प्रक्रिया को तो आसान बनाया है लेकिन इसी के साथ रिलेशनशिप के ट्रेंड्स और पैटर्न्स को भी पूरी तरह बदल दिया है। हम पिछले कुछ समय में देर रहे हैं कि अब रिश्तों में कई चुनौतियां और समस्याएं भी उभरकर आ रही हैं।

आधुनिक डेटिंग ऐप्स  लोगों को दुनियाभर से जुड़ने का मौका दिया है। अब एक क्लिक पर आपकी किसी के साथ बातचीत संभव है, जिससे विकल्पों की भरमार हो गई है।
 यह तकनीक उन लोगों के लिए कारगर साबित हुई है जो व्यस्त दिनचर्या के कारण पारंपरिक तरीकों से पार्टनर नहीं ढूंढ पाते थे।
 वहीं, कई तरह की चुनौतियां भी देखने को मिल रही हैं।
कई यूजर्स डेटिंग ऐप्स का उपयोग कैजुअल रिलेशनशिप्स और शॉर्ट-टर्म कनेक्शंस के लिए करते हैं। यह पारंपरिक दीर्घकालिक रिश्तों की धारणा से अलग है। इसी के साथ 
डेटिंग ऐप्स ने ‘थ्रोनिंग’, ‘ब्रेडक्रंबिंग’, ‘सिचुएशनशिप’ और ‘घोस्टिंग’ जैसे नए ट्रेंड्स को भी जन्म दिया है।

जानिए क्या है डेटिंग में Throning 

आज हम थ्रोनिंग के बारे में बात करेंगे। इसका अर्थ है किसी व्यक्ति को सिर्फ उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए डेट करना। थ्रोनिंग एक आधुनिक डेटिंग ट्रेंड है, जिसे विशेष रूप से जेन-जेड पीढ़ी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया है। यह नया शब्द उन रिश्तों का वर्णन करता है, जहां कोई व्यक्ति अपने साथी का चुनाव उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रभाव और शक्ति के आधार पर करता है। इसका उद्देश्य अपनी स्वयं की सामाजिक स्थिति को ऊंचा उठाना होता है। अगर कोई किसी व्यक्ति को इसलिए डेट करे क्योंकि इसके उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा, लोकप्रियता या ऊंचे स्टेटस का आकर्षण है तो इसे थ्रोनिंग कहेंगे। इस तरह के रिश्तों में प्रेम और गहरे भावनात्मक संबंधों की बजाय सोशल स्टेटस और व्यक्तिगत फायदे प्राथमिक होते हैं।

इस तरह की रिलेशनशिप सामाजिक स्टेटस पर केंद्रित होती है। लोग ऐसे उस तरह के पार्टनर को चुनते हैं जो उनकी छवि को बेहतर बनाते हैं जैसे कि अमीर, मशहूर या प्रभावशाली व्यक्ति। इन रिश्तों में अक्सर वास्तविक भावनात्मक जुड़ाव नहीं होता है। अक्सर ऐसे रिश्ते लंबे समय तक नहीं टिकते क्योंकि यह सच्चे प्यार की बजाय लाभ पर आधारित होते हैं। दोनों में से कोई एक व्यक्ति खुद को इस्तेमाल किया गया महसूस कर सकता है। इस ट्रेंड का मुख्य उद्देश्य समाज में अपनी छवि को निखारना होता है, लेकिन यह रिश्ते की गहराई और स्थायित्व को कमजोर बना देता है। यह एक अलार्मिंग संकेत हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो सच्चे और गहरे संबंधों की तलाश में हैं।

थ्रोनिंग के नुकसान

इस नए चलन ने सोशल मीडिया और आधुनिक डेटिंग के माहौल में तेजी से जगह बनाई है। “घोस्टिंग,” “ब्रेडक्रंबिंग,” और “सिचुएशनशिप्स” जैसे डेटिंग ट्रेंड्स के बाद, थ्रोनिंग नई पीढ़ी के रिश्तों की बदलती प्राथमिकताओं का प्रतीक बन गया है। यह उन लोगों को आकर्षित करता है जो अपने व्यक्तिगत संबंधों में भी सामाजिक स्थिति को प्राथमिकता देते हैं। अगर आपको एक स्थायी रिश्ते के तलाश है तो जरा सँभलकर चलें क्योंकि ये ट्रेंड रिश्तों में स्वार्थ और सतहीपन को बढ़ावा दे सकता है। किसी रिश्ते में दीर्घकालिक खुशी और स्थिरता के लिए आपसी सम्मान, भरोसा और भावनात्मक जुड़ाव अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। थ्रोनिंग का चलन बताता है कि आधुनिक पीढ़ी के कुछ लोग इन गुणों को पीछे छोड़कर बाहरी छवि को अधिक महत्व दे रहे हैं। इस ट्रेंड की आलोचना भी हो रही है क्योंकि यह रिश्तों की गहराई और प्रामाणिकता को कमजोर कर सकता है। हालांकि, यह आधुनिक डेटिंग संस्कृति की विविधता और जटिलताओं को भी उजागर करता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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