Chandra Shekhar Azad Jayanti: दो सालों की गुलामी के बाद भारत को आजादी मिली। इसके पीछे कई स्वतंत्रता सेनानियों का हाथ रहा है। इन्हीं में से एक चंद्रशेखर आजाद हैं, जिन्होनें खुद से पहले देश के मान-सम्मान को रखा और हँसते-हँसते अपना सारा जीवन भारत को न्योछावर कर दिया। आज भले ही “आजाद” हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनका नाम इतिहास के पन्नों में अमर हो चुका है। 23 जुलाई को चंद्रशेखर आजाद का जन्म हुआ है। आज उनकी जयंती पूरे देश में मनाई जा रही है।
एमपी ने हुआ था जन्म
आजाद का मध्यप्रदेश की मिट्टी से गहरा नाता था। चंद्रशेखर तिवारी का जन्म ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भाबरा गाँव में हुआ था, जिसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर कर दिया गया है। चंद्रशेखर आजाद नगर एमपी के अलीराजपुर जिले में पड़ता है। यहीं उनका बचपन बीता। दरअसल, आजाद के पिता वर्तमान उन्नाव में पड़ने वाले बदरका को छोड़कर अलीराजपुर रियासत में नौकरी करने आए थे। बाद में भाबरा गाँव में बसने का फैसला किया। अपने जीवन का लंबा समय क्रांतिकारी ने यहीं व्यतीत किया। यहाँ उन्होनें भील बालकों से तीन-धनुष चलाना सीखा।
क्रांतिकारी दल से जुडने तक का सफर
1919 में घटित जलियाँवाला बाग नरसंहार ने चंद्रशेखर आजाद समेत कई युवाओं को अंदर से झँझोर दिया। उस समय युवक आजाद एक छात्र थे लेकिन धीरे-धीरे उनके कदम क्रांति के ओर बढ़ने लगे। जिसके बाद वह “हिंदुस्तान प्रजातन्त्र संघ” के सदस्य बने। आगे चलकर उनका संपर्क रामप्रसाद बिस्मिल, शचीन्द्रनाथ सांयाल, भगत सिंह, राजगुरु और अन्य क्रांतिकारी सोच रखने वाले युवाओं से हुआ, जिसके अंदर आजादी की भूख थी। संगठन के लिए धन इकठ्ठा करने के लिए उनके संगठन ने कई अमीर घरों में डकैती की, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने अपने उसूलों का पालन किया। महिलाओं का सम्मान किया।
देश के लिए दिया बलिदान
वर्ष 1932 में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की सजा कम कराने के प्रयास में चंद्रशेखर आजाद जुटे रहें। जिसके लिए वह गणेशशंकर विद्यार्थी के परामर्श पर इलाहाबाद गए और जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात की। अल्फ्रेड पार्क में अपने एक दोस्त का सुखदेव राज से मिलने पहुंचे। इंतजार करते व्यक्त सीआईडी का SSP नॉट बाबर वहाँ पुलिस बल के साथ पहुँच गया। दोनों के बीच गोलाबारी हुई। आजाद से 3 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया, लेकिन जख्मी हो गए। उनके बंदूक में एक ही गोली बची थी। हमेशा से आजाद रहने वाले चंद्रशेखर आजाद ने पुलिस के हाथों लगने से बेहतर खुद को मारना बेहतर समझा और खुद गोली मारकर वीरगति को प्राप्त किया।
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने किया नमन
चंद्रशेखर आजाद जयंती के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी और कहा कि, “मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके बलिदान की कहानी देशवासियों को हमेशा प्रेरित करेगी।”
देश के महान सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके बलिदान की कहानी देशवासियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 23, 2023
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास में चंद्रशेखर आजाद और लोकमान्य बलगंगाधर तिलक को को नमन किया और कहा, “तिलक जी और आजाद जी माँ भारती के अनन्य सेवक थे। देश सेवा के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया। उनके राष्ट्र सेवा के तप से उपजे तेजस्वी प्रकाश में हम सभी देशवासी माँ भारती की सेवा एवं उत्थान के कार्यों के लिए सदैव प्रेरित होते रहेंगे।”
माननीय मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी ने निवास पर स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बालगंगाधर तिलक जी और अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर नमन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आदरणीय तिलक जी और आजाद जी माँ भारती के अनन्य सेवक थे। देश सेवा के लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया।… pic.twitter.com/Y9HyvDaW2D
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) July 23, 2023
अमित शाह ने कहा, “अंग्रेजों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने वाले चंद्रशेखर आजाद जी ने अपनी शर्तों पर जीवन जिया और देश के लिए प्राणों की आहुति दे दी। वे निर्भीक साहस और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक हैं। उनकी युवाओं को प्रेरित करने की क्षमता व शौर्यगाथा देश के स्वतंत्रता इतिहास में चिरस्मरणीय रहेगी।”
अंग्रेजों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने वाले चंद्रशेखर आजाद जी ने अपनी शर्तों पर जीवन जिया और देश के लिए प्राणों की आहुति दे दी। वे निर्भीक साहस और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक हैं। उनकी युवाओं को प्रेरित करने की क्षमता व शौर्यगाथा देश के स्वतंत्रता इतिहास में चिरस्मरणीय रहेगी।
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नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट किया, “दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे, आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे।’ अमर शहीद श्रद्धेय चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर शत-शत नमन। चंद्रशेखर आजाद जी की देशप्रेम एवं वीरता की गाथाएं युवाओं के लिए प्रेरणा का अनंत स्रोत हैं।”
‘दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे, आजाद हैं, आजाद ही रहेंगे।’
अमर शहीद श्रद्धेय चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती पर शत-शत नमन।
चंद्रशेखर आजाद जी की देशप्रेम एवं वीरता की गाथाएं युवाओं के लिए प्रेरणा का अनंत स्रोत हैं। pic.twitter.com/JPHOdLVHjh
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) July 23, 2023