Lokayukta Action : प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए रिश्वतखोरी के दो मामलों का पर्दाफाश किया है। पहली कार्रवाई में पंचायत सचिव संतोष सोनी को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। वहीं दूसरी कार्रवाई में ग्राम पंचायत सचिव को 5 हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों दबोचा लिया गया। इन दोनों मामलों में सरकारी अधिकारी लंबे समय से घूस की मांग कर रहे थे, जिससे परेशान होकर शिकायतकर्ताओं ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई। लोकायुक्त की इस डबल कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया है।
पीड़ित ने एसपी ऑफिस दिया था आवेदन
रीवा लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, उमरिया जिले में दूसरी कार्रवाई शाम को की है। जिसमें फरियादी नाथूलाल बैगा निवासी ग्राम पठारीकला ने एक शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिया था। जिसमें शिकायत की गई थी कि ग्राम पंचायत सचिव रामू सोनी पर रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाये गए थे।
ग्राम पंचायत सचिव ने मांगी 5 हजार रुपये की रिश्वत
आवेदक नाथूलाल बैगा ने आवेदन में बताया कि उनके बेटे की मृत्यु 2019 में हो गई थी जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बन पाया, इसके लिए लोक सेवा गारंटी में आवेदन दिया था इसी बीच पंचायत के ग्राम पंचायत सचिव रामू सोनी ने प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 5000 रुपए की डिमांड की गई थी। जिसकी पुलिस अधीक्षक से शिकायत की गई। पुलिस अधीक्षक ने शिकायत का सत्यापन कराया और तो शिकायत सही पाई गई। फिर एक टीम का गठन कर ट्रैप प्लान की गई।
रिश्वत (Bribe) लेते ग्राम पंचायत सचिव रंगे हाथ गिरफ्तार
24 दिसंबर को ट्रैप टीम ग्राम पठारीकला पहुंची। जैसे ही पुराने बस स्टैंड में मोची की दुकान पर आवेदक ने आरोपी ग्राम पंचायत सचिव रामू सोनी को रिश्वत की राशि 5000 रुपये दिए। वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने भ्रष्टाचारी ग्राम पंचायत सचिव रामू सोनी को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इस पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। वहीं, मामले की विवेचना जारी है।
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट