Chitkul Trip: शहरी भागदौड़ से दूर बिताएं कुछ पल सुकून के, इस जगह पर जाकर लें प्राकृतिक सुंदरता का आनंद

Chitkul Trip: दिल्ली भारत की राजधानी है और यह ऐतिहासिक स्मारकों, जीवंत बाजारों और स्वादिष्ट भोजन के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप दिल्ली घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यहां 3 दिन का प्लान दिया गया है जो आपको शहर के कुछ बेहतरीन आकर्षणों को देखने में मदद करेगा।

Bhawna Choubey
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Chitkul Trip: ऐसी कोई भी लोग नहीं होंगे जिन्हें घूमना फिरना पसंद नहीं होगा अमूमन सभी लोगों को घूमना फिरना बेहद पसंद होता है। इस वक्त समर वैकेशन चल रहे हैं, बच्चे हमेशा माता-पिता के साथ बाहर घूमने जाने के लिए जिद करते रहते हैं। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में माता-पिता भी कुछ पल सुकून के जीना चाहते हैं, इसलिए वे ऐसी जगह की खोज करते हैं जहां प्राकृतिक सुंदरता, शुद्ध वातावरण और शांति का अनुभव महसूस हो। अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आज हम आपके लिए एक बहुत ही अच्छी जगह लेकर आए हैं जहां जाकर आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं और अपने हर पल को यादगार बना सकते हैं। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के गांव के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां आप अपने परिवार, अपने बच्चों और अपने दोस्तों के साथ घूम सकते हैं।

चितकुल

चितकुल, हिमाचल प्रदेश में स्थित एक मनमोहक गाँव है, जिसे भारत का अंतिम गाँव भी कहा जाता है। यह समुद्र तल से 3,450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय की तलहटी में बसा है। चितकुल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहाँ की हरी-भरी घाटियां, बर्फ से ढके पहाड़ और बहती नदियाँ पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। चितकुल में घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें मणिकरण साहिब, चंद्रताल झील, रोहतांग दर्रा और हडिंबा मंदिर शामिल हैं। यहाँ के लोग गर्मजोशी और मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। वे पर्यटकों का स्वागत खुले दिल से करते हैं और उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं से परिचित कराते हैं। चितकुल में कई होमस्टे और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, जहाँ पर्यटक आराम से रह सकते हैं। यहाँ का स्थानीय भोजन भी बहुत स्वादिष्ट होता है। सिड्डू, क्युरा, और मधुमक्खी का दूध यहाँ के कुछ प्रसिद्ध व्यंजन हैं। चितकुल उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो प्रकृति के करीब जाना चाहते हैं और शांत वातावरण में कुछ समय बिताना चाहते हैं। यह साहसिक गतिविधियों के प्रेमियों के लिए भी एक स्वर्ग है। यदि आप शांति और सुंदरता की तलाश में हैं, तो चितकुल आपके लिए एकदम सही जगह है।

दिल्ली से चितकुल कैसे पहुंचें?

सड़क मार्ग: यह सबसे लोकप्रिय विकल्प है। दिल्ली से NH 48 और NH 5 के माध्यम से कुल्लू तक लगभग 12 घंटे का ड्राइव है। कुल्लू से, चितकुल के लिए बस या टैक्सी लें, जो आपको 3-4 घंटे में अंतिम गांव तक ले जाएगी।

बस: दिल्ली से कुल्लू के लिए कई सीधी बसें चलती हैं, जिनमें एचआरटीसी और निजी बसें शामिल हैं। यात्रा में लगभग 14-16 घंटे लगते हैं। कुल्लू से, चितकुल के लिए बसें उपलब्ध हैं, जो आपको 3-4 घंटे में अंतिम गांव तक ले जाएगी।

हवाई मार्ग: दिल्ली से भुंतर हवाई अड्डे तक उड़ानें उपलब्ध हैं, जो चितकुल के सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। भुंतर से, आपको चितकुल तक टैक्सी या बस लेनी होगी, जो आपको 2-3 घंटे में अंतिम गांव तक ले जाएगी।

यात्रा का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अक्टूबर और अप्रैल से जून के बीच चितकुल की यात्रा करना सबसे अच्छा होता है, जब मौसम सुहावना होता है और बारिश कम होती है।

चितकुल में ठहरने की व्यवस्था

हिमालयन हॉस्टल: यह हॉस्टल उन लोगों के लिए एकदम सही है जो बजट पर यात्रा कर रहे हैं। यह स्वच्छ और आरामदायक है, और इसमें साझा बाथरूम के साथ निजी कमरे हैं।

होमस्टे चितकुल: यह होमस्टे उन लोगों के लिए एकदम सही है जो स्थानीय संस्कृति का अनुभव करना चाहते हैं। मेजबान गर्मजोशी से स्वागत करते हैं और आपको घर जैसा महसूस कराते हैं।

गेस्ट हाउस चितकुल: यह गेस्ट हाउस उन लोगों के लिए एकदम सही है जो आरामदायक और किफायती रहने का विकल्प चाहते हैं। इसमें निजी बाथरूम वाले कमरे हैं, और इसमें एक रेस्तरां भी है जो स्वादिष्ट स्थानीय भोजन परोसता है।

होटल चितकुल: यह होटल चितकुल में एकमात्र लक्जरी होटल है। इसमें आधुनिक सुविधाओं वाले विशाल कमरे हैं, और इसमें एक रेस्तरां, बार और स्पा भी है।

चितकुल में ठहरने की जगह चुनते समय, आपको अपने बजट, जरूरतों और प्राथमिकताओं पर विचार करना चाहिए। यदि आप बजट पर यात्रा कर रहे हैं, तो होमस्टे या गेस्ट हाउस एक अच्छा विकल्प है। यदि आप अधिक आरामदायक रहने का अनुभव चाहते हैं, तो होटल एक बेहतर विकल्प है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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