Curd – Sugar Benefits: जाने क्या हैं काम से पहले दही – चीनी खाने का वैज्ञानिक कारण!

Manisha Kumari Pandey
Published on -

जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। क्या कभी आपने सोचा है कि घर से निकलने से पहले हमेशा दही -शक्कर (curd- sugar)   का सेवन क्यों किया जाता है। तो बता दें कि  दही – शक्कर  का सेवन ना सिर्फ हिंदू मान्यताओं के अनुसार बल्कि वैज्ञानिकों के अनुसार भी सेहतमंद होता है। दही में अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि विटामिन b2, विटामिन बी12,  कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम समेत अन्य कई मिनरल्स दही में पाए जाते हैं।

यह भी पढ़े… Potato for face: सिर्फ आहार को ही नहीं चेहरे को भी बेहतर बनाता है आलू  

Curd - Sugar Benefits: जाने क्या हैं काम से पहले दही - चीनी खाने का वैज्ञानिक कारण!

 

यहां दूध से बने दही की ही बात हो रही है,  जिसे परीक्षा हो या फिर कोई जरूरी काम मां हमेशा हाथों में लेकर आपको खड़ी मिलेगी और घर से निकलने से पहले वह आपको इसे खाने को जरूर बोलती है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार दही शक्कर खाकर घर से निकलने से किसी काम में सफलता मिलती है और इसे बहुत ज्यादा फायदेमंद ही माना जाता है। दही प्रोटीन और कैल्शियम का एक बहुत अच्छा स्रोत्र होता है  और इसका सेवन करने से पेट भी ठंडा होता है।  जिससे एसिडिटी या फिर पेट में जलन की समस्याएं नहीं होती और यह पित्त को भी खत्म करता है आयुर्वेद के मुताबिक घर दही चीनी खाने से पाचन तंत्र सही होता है।

Curd - Sugar Benefits: जाने क्या हैं काम से पहले दही - चीनी खाने का वैज्ञानिक कारण!

दही – शक्कर शरीर में ग्लूकोस के मात्रा को भी संतुलित करने का काम करता है।  किसी भी काम के पहले दही चीनी खाने से शरीर और दिमाग दोनों में ही ऊर्जा का सही से सप्लाई होता  है।  खासकर की गर्मियों में यह  पेट के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। दही और चीनी के मिलन में बहुत ही ज्यादा मात्रा में कैलोरी पाई जाती है जिससे जल्दी भूख भी नहीं लगती।  डायबिटीज पेशेंट के लिए यह खास तौर पर सही साबित हो सकता है, लेकिन उन्हें इसके साथ चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही चीनी – दही शरीर में बैक्टीरिया को भी संतुलित करता है और हम जो भी खाते हैं उसे भी पचाने में मदद करता है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News