Malpua History : अलग-अलग देशों में खाया जाता है स्वादिष्ट मालपुआ, ऋग्वेद में भी है उल्लेख

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Malpua History : मीठा खाना हर किसी को पसंद होता है। सिर्फ कुछ ही लोग होते हैं जो मीठा खाना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में अगर आप भी स्वादिष्ट मिठाइयां खाना पसंद करते हैं तो आपने भी जरूर मालपुआ खाया ही होगा। ये खाने में जितना स्वादिष्ट है उतना ही लोगों का पसंदीदा है।

इसे खा कर लोगों का दिल खुश हो जाता है। मालपुआ चाशनी में डुबोकर बनाया जाता है। खास बात यह है कि मालपुए को रबड़ी के साथ खाया जाए तो उसका मजा ही कुछ और होता है। आज हम आपको मालपुआ कहां से आया और इसकी कितनी वेराइटी मौजूद है इसके बारे में बताने जा रहे है तो चलिए जानते हैं –

Malpua History : कई देशों की है फेमस डिश –

Malpua History

मालपुआ का इतिहास काफी पुराना है ऐसे अलग-अलग शहरों में अलग-अलग नामों के साथ जाना चाहता है। खासकर त्योहारों पर भारतीय घरों में इसे सबसे ज्यादा बनाया जाता है और बांग्लादेश नेपाल पाकिस्तान जैसे देशों में यह सबसे ज्यादा खाई जाने वाली मिठाइयों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते भारत की इस फेमस स्वादिष्ट जिस का इतिहास क्या है? कहां से इसकी शुरुआत हुई चलिए जानते हैं।

ऋग्वेद में है उल्लेख –

मालपुआ एक ऐसी मिठाई है जिसका ऋग्वेद में भी उल्लेख किया गया है। ऋग्वेद चारों वेदों में सबसे पुराना है। इसे ऋग्वेद में अपुपा के नाम से लिखा गया है। पहले इस मिठाई को जौ से बनाया जाता था। इसे बनाने के बाद घी में तलकर फिर शहद में डुबोकर इसे खाया जाता था।

मालपुआ को पुपालिके के नाम से भी जाना जाता है। पहले के समय में इसे गेहूं के आटे से बना कर दूध, मक्खन, चीनी, इलायची जैसी चीजों के साथ मिलाकर बनाया जाता था। स्वादिष्ट मिठाई को भरवा अपुपा के नाम से भी जाना जाता है। अभी इसकी कई वैराइटीज मौजूद है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीके से इसे बनाकर खाया जाता है।

नेपाल में इस नाम से जाना जाता है मालपुआ 

लेकिन भारत में इसे सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। बात करे नेपाल की तो नेपाल में इसे मारपा के नाम से जाना जाता है। वहीं बांग्लादेश में भी इसे फल के साथ मिलाकर बनाया जाता है। जब भी उसका बैटर तैयार किया जाता है तो उसमें केला या फिर अन्य फलों को मिक्स कर के इसे मैदा, केले, सौंफ के बीज, दूध और चीनी मिक्स कर बनाया जाता है।

मालपुआ की कई वैरायटी है जिसे केले के अलावा अनानास या फिर आम जैसे फलों के साथ भी बनाया जाता है। बंगाली, मैथली और ओडिशा में मालपुआ जब भी पारंपरिक रूप से तैयार किया जाता है तो उसमें केवल गाढ़े दूध और थोड़े से आटे को मिक्स कर बनाया जाता है।

जगन्नाथ मंदिर का प्रसिद्ध प्रसाद 

मालपुआ जगन्नाथ मंदिर का सबसे फेमस प्रसाद है। सुबह सबसे पहले भगवान जगन्नाथ को मालपुआ चढ़ाया जाता है। वहां इसे आमलू के नाम से जाना जाता है। छप्पन भोग में भी इसे शामिल किया जाता है।


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Ayushi Jain

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