Chronic Fatigue Syndrome: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में दिन भर काम करने के बाद एक सुकून भरी गहरी नींद बहुत जरूरी होती है। कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें स्ट्रेस के चलते नींद नहीं आती है वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें रात भर सुकून भरी गहरी नींद आती है लेकिन उसके बावजूद भी दिन भर उन्हें आलस आता रहता है या दिन भर नींद आती रहती है।क्या आपको रातभर सोने के बाद भी थकान महसूस होती हैं? क्या आपको लगातार थकान, कमजोरी, और सिरदर्द रहता है? यदि हां, तो आप chronic fatigue syndrome (CFS) से पीड़ित हो सकते हैं। CFS एक जटिल और दुर्बल करने वाली बीमारी है, जिसके कारण व्यक्ति सामान्य गतिविधियों को करने में भी असमर्थ हो जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है और आप भी यह सब महसूस करते हैं तो हो सकता है कि आप क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के शिकार हो रहे हैं। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि इसके क्या लक्षण, कारण है और इसे किस तरह से खत्म किया जा सकता है, तो चलिए जानते हैं।
CFS के क्या-क्या लक्षण है
थकान: यह CFS का सबसे आम लक्षण है। यह थकान सामान्य थकान से अलग होती है। यह गहरी और स्थायी होती है, और यह आराम करने से भी दूर नहीं होती है।
नींद की समस्या: CFS से पीड़ित लोगों को सोने में भी परेशानी हो सकती है, या वे रात में बार-बार जाग सकते हैं।
सिरदर्द: CFS से पीड़ित लोगों को अक्सर सिरदर्द होता है। ऐसी स्थिति में बार-बार नींद आती है और ज्यादा सोने की वजह से सर भारी होने लगता है जिस वजह से सर दर्द की समस्या होने लगती है।
एकाग्रता में कमी: CFS से पीड़ित लोगों को ध्यान केंद्रित करने और याद रखने में भी परेशानी हो सकती है।
मांसपेशियों में दर्द: CFS से पीड़ित लोगों को मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है।
जोड़ों में दर्द: CFS से पीड़ित लोगों को जोड़ों में दर्द भी हो सकता है।
बुखार: CFS से पीड़ित लोगों को कभी-कभी कम बुखार भी हो सकता है।
गले में खराश: CFS से पीड़ित लोगों को गले में खराश भी हो सकती है।
सूजी हुई लिम्फ नोड्स: CFS से पीड़ित लोगों के लिम्फ नोड्स सूज सकते हैं।
CFS के क्या-क्या कारण हो सकते हैं
1. संक्रमण: कुछ वायरल संक्रमण, जैसे कि Epstein-Barr virus और human herpesvirus 6 (HHV-6), CFS का कारण बन सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे CFS के लक्षण हो सकते हैं।
2. जेनेटिक: CFS के लिए जेनेटिक भी एक जोखिम कारक हो सकती है। यदि आपके परिवार में किसी को CFS है, तो आपको भी इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
3. एनवायरमेंटल फैक्टर्स : कुछ पर्यावरणीय कारक, जैसे कि रसायनों का संपर्क, CFS का कारण बन सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये कारक शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली या तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे CFS के लक्षण हो सकते हैं।
4. साइकोलॉजिकल फैक्टर्स: तनाव और डिप्रेशन CFS के विकास में योगदान कर सकते हैं। हालांकि, ये CFS के एकमात्र कारण नहीं हैं।
5. अन्य कारक: कुछ अन्य कारक, जैसे कि हार्मोनल असंतुलन और पोषक तत्वों की कमी, CFS के लक्षणों को खराब कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।