Gardening Tips: गर्मी के कारण पौधों का हाल हो गया है बेहाल, टेंशन ना लें रखें इस तरह ध्यान, खिल उठेंगे प्लांट्स

Gardening Tips: गर्मी का मौसम आते ही पौधों को हरा-भरा बनाए रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। तेज धूप, कम बारिश और बढ़ती गर्मी से पौधे मुरझाने लगते हैं। लेकिन चिंता न करें! कुछ आसान नुस्खे अपनाकर आप अपने गार्डन को हरा-भरा और खूबसूरत बनाए रख सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Gardening Tips: रंग बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाने का शौक सभी को होता है। शौक ही शौक में लोग पौधे तो लगा लेते हैं लेकिन उनकी देखभाल करना थोड़ा मुश्किल होता है जिस कारण पौधे सूख जाते हैं, मुरझा जाते हैं, या फिर पौधों में तरह-तरह के कीड़े लग जाते हैं। सबसे ज्यादा समस्या गर्मियों के मौसम में देखने को मिलती है, यह एक ऐसा समय होता है जब पौधों की देखभाल करना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है। इसी के चलते आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि गर्मी के मौसम में आप किस तरह अपने पौधों का ध्यान रख सकते हैं और पौधों को हरा भरा बना सकते हैं, तो चलिए जानते हैं।

गर्मी के मौसम में कैसे रखें पौधों का ध्यान

1. नियमित रूप से पानी दें

यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। गर्मियों में पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। सुबह जल्दी या शाम को सूरज डूबने के बाद पानी दें। सूरज निकलने से पहले पानी देना सबसे अच्छा होता है। इससे पानी को वाष्पित होने से पहले मिट्टी में अच्छी तरह से सोखने का समय मिल जाता है। सूरज ढलने के बाद पानी देना भी एक अच्छा विकल्प है। इससे रात भर पौधों को पानी मिलता रहता है। जब धूप तेज होती है, तो पानी जल्दी वाष्पित हो जाता है और पौधों को इसका फायदा नहीं मिल पाता है। पानी देने से पहले मिट्टी को छूकर देखें। यदि मिट्टी सूखी है तो पानी दें, यदि गीली है तो पानी देने की आवश्यकता नहीं है। अधिक पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं। गमले में पानी जमा न होने दें, और अतिरिक्त पानी निकलने के लिए छेदों की जांच करें। सभी पौधों को एक समान पानी की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ पौधों को दूसरों की तुलना में अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

2. मल्चिंग करें

मल्चिंग मिट्टी को ठंडा रखने और नमी बनाए रखने में मदद करता है। आप घास, सूखे पत्ते या लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल मल्च के रूप में कर सकते हैं। मिट्टी मल्चिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें मिट्टी की सतह पर गीली घास, पुआल, सूखे पत्ते, लकड़ी के टुकड़े या अन्य कार्बनिक पदार्थों की एक परत बिछाई जाती है। यह गर्मियों में आपके बगीचे को कई तरह से लाभ पहुंचा सकता है। मल्च मिट्टी को ढककर नमी को वाष्पित होने से रोकता है, जिससे पानी की कम आवश्यकता होती है और सूखे के दौरान पौधों को जीवित रहने में मदद मिलती है। मल्च मिट्टी को ठंडा रखने में मदद करता है, जो गर्मियों में पौधों की जड़ों को नुकसान से बचाता है।

3. कीटों और बीमारियों पर ध्यान दें

गर्मियों में कीड़े और बीमारियां पौधों को अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए, अपने पौधों की नियमित रूप से जांच करें और किसी भी कीट या बीमारी के लक्षण दिखने पर उचित उपाय करें। गर्मी का मौसम पौधों के लिए मुश्किल समय हो सकता है, क्योंकि इस दौरान कीट और बीमारियां अधिक सक्रिय होती हैं। अपने पौधों की नियमित रूप से जांच करें, खासकर पत्तियों के नीचे, तनों और डंठलों पर, किसी भी कीट या बीमारी के लक्षणों के लिए। कुछ सामान्य लक्षणों में छेद, मुरझाना, पीले पत्ते, धब्बे, फफूंदी, और कीड़े शामिल हैं। यदि आपको अपने पौधों पर कीट या बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करें। छोटे संक्रमणों को नियंत्रित करने के लिए आप प्राकृतिक तरीकों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि साबुन और पानी का घोल, नीम का तेल, या लहसुन का अर्क।

4. नेचुरल फ़र्टिलाइज़र का करें इस्तेमाल

गर्मी के दौरान पौधों को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए, उन्हें महीने में एक बार उर्वरक दें। गर्मियों में कीट और बीमारियां पौधों को अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं। रसायनिक कीटनाशकों और कवकनाशकों का उपयोग न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि आपके और आपके परिवार के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।कई प्राकृतिक तरीके हैं जिनका उपयोग आप गर्मियों में अपने बगीचे को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए कर सकते हैं।जैसे साबुन और पानी का घोल, नीम का तेल, लहसुन का अर्क, लेडीबग्स यह एफिड्स, व्हाइटफ्लाइज और मकड़ी की माइट्स जैसी कई प्रकार की नरम शरीर वाली कीड़ों को नियंत्रित करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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