GK Quiz: क्या आपको पता है? ये जीव पैदा होते ही अपनी मां को क्यों खा जाता है?

कुछ जीव इतने अनोखे होते हैं कि उनका जन्म ही चौंकाने वाले रहस्यों से भरा होता है, क्या आप जानते हैं, एक ऐसा जीव भी है जो पैदा होते ही अपनी मां को शिकार बना लेता है? यह चौंकाने वाला तथ्य आपको हैरान कर देगा।

सामान्य ज्ञान यानी GK का मतलब तरह तरह की जानकारियां से होता है जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन में काम आती है। इसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति, खेल और देश दुनिया की ताज़ा ख़बरें शामिल होती है। अगर हमें इनकी जानकारी होती है तो ना सिर्फ़ हमारी समझ से बढ़ती है बल्कि आम बातचीत में भी बहुत काम आती है। इससे हम दुनिया से जुड़े रहते हैं और नई चीज़ें सीखते हैं।

जनरल नॉलेज बढ़ाने के लिए कई आसान तरीक़े हैं। आप रोज़ अख़बार पढ़ सकते हैं, इंटरनेट पर मज़ेदार लेख और जानकारियां देख सकते हैं या फिर आप किताबें और मैगज़ीन भी पढ़ सकते हैं। इसके अलावा गेम खेलना और पहेलियों को हल करना भी बहुत फ़ायदेमंद होता है। इससे ना सिर्फ़ आपकी जानकारी बढ़ती है, बल्कि दिमाग़ भी तेज होता है।

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कैसे बढ़ाएँ अपना जनरल नॉलेज(GK)?

आज हम आपको कुछ ऐसे मज़ेदार सवालों के जवाब में बताएँगे जिनके बारे में शायद आपने पहले कभी नहीं सोचा होगा। ये सवाल ख़ास तौर पर हमारे आस पास रहने वाले जानवरों से जुड़े हुए हैं। इनके जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे और आपकी जनरल नॉलेज भी बढ़ेगी।

सवाल: ऐसा कौन सा अजीब है जो जन्म लेते ही अपनी माँ को खा लेता है?

जवाब: क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा जीव नहीं है जो जन्म लेते ही अपनी माँ को खा जाता है? सुनने में यह अजीब लगता है लेकिन यह प्रकृति का एक अनोखा नियम है। आमतौर पर माँ और बच्चे के बीच गहरा प्यार होता है, लेकिन कुछ जीवों की दुनियाँ अलग ही होती है।

बिच्छू

हम बात कर रहे है बिच्छू के बारे में, दरअसल मादा बिच्छू एक बार में क़रीब 100 बच्चे जन्म देती है। वह पीठ पर बैठाकर उनकी रक्षा करती है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि यहीं बच्चे अपनी भूख मिटाने के लिए धीरे-धीरे अपनी माँ को ही खाने लगते हैं। जब तक वे बड़े और मज़बूत नहीं हो जाते तब तक यह सिलसिला चलता रहता है। ऐसे में आख़िर माँ कमज़ोर हो जाती हैं और वह अपनी जान दे देती है, ये सुनने में आपको थोड़ा अजीब ज़रूर लग रहा होगा, लेकिन यह प्रकृति का एक अनोखा नियम है, जिसके बारे में सभी को जानना बहुत ज़रूरी है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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