मालदीव में है हनीमून मनाने का प्लान, बैग में रखना न भूलें ये आठ चीजें

जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। शादी के बाद अगर किसी चीज के सबसे ज्यादा प्लान्स होते हैं तो वो हैं हनीमून। ये किस जगह होगा, कैसा होगा- ये तमाम सवाल तब तक मन में रहते हैं जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता। इन दिनों मालदीव या कोई और समंदर का किनारा न्यूली वेड्स का फेवरेट हनीमून डेस्टिनेशन है। अगर आपने भी अपना हनीमून किसी बीच लोकेशन पर ही प्लान किया है और, तैयारियां सिर्फ और सिर्फ हर दिन के कपड़े और स्टाइल तक सीमित हैं तो जान लीजिए कि इतना काफी नहीं। अगर बीच लोकेशन पर सुकून के दिन बिताने हैं तो कुछ और चीजें हैं जिन्हें याद से रख लेना जरूरी है। क्या हैं वो चीजें चलिए जानते है…

ज्यादा सामान न रखें
कहीं फुर्सत के कुछ पल बिताने हों तो वहां इन्जॉय करने से ज्यादा ध्यान कपड़ों पर रहता है लेकिन बीच पर छुट्टी बिताना हो तो भारी भरकम कपड़े रखने का फैसला गलत साबिद हो सकता है। बीच पर ऐसे कपड़ें रखें जो हल्के फुल्के हों,ऐसे कपड़े कम जगह में सेट भी हो जाते हैं और आपके बीच लुक को कुछ ज्यादा ही स्टाइलिश दिखाते है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।