Steam Food : हिंदुस्तान में खाने-पीने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। यहां एक शहर से दूसरे शहर बोली तो बदलती ही है, साथ ही खाने-पीने की चीज़ें भी बदलती हैं। हर एक व्यंजन का अपना निराला स्वाद होता है। हर एक का बनाने का तरीका भी अलग होता है। लोग अपने स्वाद के हिसाब से इन्हें पसंद भी करते हैं। खाना स्वादिष्ट होना या ना होना उसके बनाने के तरीके पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा, जिस तरीके से खाने को पकाया जाता है उसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है।
खाना पकाने का यह तरीका है नुकसानदायक
खाने बनाने का एक तरीका है डीप फ्राई… यह एक ऐसा तरीका है, जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। यह फूड खाने से हमारे शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है। इसके अलावा, पाचन तंत्र भी कमजोर होता है। खाने में जो न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं, उन्हें भी यह नष्ट करता है। स्टीमिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें अगर आप खाना बनाकर खाते हैं तो वह आपके शरीर को बहुत ज्यादा फायदा पहुंच जाता हैं। तो आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि किस प्रकार से स्टीम फूड आपकी सेहत को फायदा पहुंचता है।
स्टीम फूड होता है लाभदायक
आज हम बात कर रहे हैं स्टीम फूड की। यह एक ऐसी खाना बनाने की प्रक्रिया होती है, जिसमें साफ, मॉइश्चराइजड और हाइड्रेटेड तरीके से खाना बनाया जाता है। इस तरीके से बना भोजन अगर खाया जाए, तो उससे पाचन तंत्र को तो आराम मिलता ही है। साथ ही पाचन क्रिया भी सुचारू रूप से हो पाती है। शरीर में किसी तरह का कोई इंफ्लेमेशन भी नहीं हो पता। इस प्रक्रिया के द्वारा जो खाना बनाया जाता है, उसमें मौजूद फाइबर का रंग, टेक्सचर और फ्लेवर जस का तस बना रहता है। इस तरह से बना खानावाटर सॉल्यूबल विटामिन जैसे विटामिन बी, सी, पोटैशियम, फास्फोरस, जिंक को भी बचा कर रखता है।
इसे बनाने में नहीं होता तेल का इस्तेमाल
इसे खाने में जो पोषक तत्व मौजूद होते हैं, उन पर भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस प्रकार से बने खाने में ज्यादातर पोषक तत्व बने रहते हैं। इसके अलावा, स्ट्रीमिंग की प्रक्रिया से बनी ताजा सब्जियों में लगभग 90% तक एंटीऑक्सीडेंट बने रहते हैं। इस प्रक्रिया की खास बात यह होती है कि इसे बनाने में किसी प्रकार के तेल का इस्तेमाल नहीं होता। केवल पानी की सहायता से इसे पकाया जाता है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की बढ़ोतरी नहीं होती, ना ही शरीर में ज्यादा फैट इकट्ठा होता है। इससे तेल का खर्चा भी बचता है। इस प्रक्रिया के द्वारा मोमोज, फरा, बफौरी, रिकवच, इडली, ढोकला जैसी डिशेज बनाई जाती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)