Chaitra Navratri 2023 : देशभर में चैत्र नवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू की जा चुकी है। बता दें कि इस बार नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू होकर 30 मार्च 2023 तक चलेगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नौ दिनों तक श्रद्धालु पूरी तरह से मां की भक्ति लीन रहते हैं। मां की उपासना के लिए व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र में मां के 9 स्वरुपों की पूजा-अर्चना से घर में सुख-समृद्धि आती है। जीवन में शांति और तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
नियमों का पालन आवश्यक
नवरात्र के इन नौ दिनों में माता की आराधना के लिए कुछ नियम भी होते हैं। जिनका पालन करना बेहद जरुरी होता है। नवरात्र के दिनों में इन नियमों की अनदेखी आपको भारी पड़ सकती है। इस दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। इस व्रत में मसालों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसमें कुछ मसाले शामिल नहीं होते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको उन मसालों के बारे में बताएंगे जिनका सेवन आपको करना है और किन मसालों का नहीं।
देखें यहां…
इन मसालों का करें सेवन | इन मसालों का ना करें सेवन |
जीरा पाउडर | गरम मसाला |
काली मिर्च पाउडर | धनिया पाउडर |
हरी इलायची | हल्दी |
लौंग | हींग |
दालचीनी | सरसों |
अजवायन | मेथी दाना |
कोकुम | मिर्च पाउडर |
जावित्री | |
सेंधा नमक |
सत्विक आहार का सेवन करें
खाने में 9 दिन तक लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा, अंडे आदि का सेवन नही करना चाहिए। शाकाहार का पालन करना चाहिए। ऐसे में नौ दिनों तक नॉनवेज का त्याग कर दें। तामसिक भोजन का प्रयोग करें। सत्विक आहार शरीर को उर्जा देता है और शुद्ध होने में मदद करता है। इसलिए, व्रत के दौरान आप सेवन कर सकते हैं फल, सब्जियां, दूध, दही, मखाना, साबूदाना, कुट्टू के आटे, सिंघाड़े का आटा और द्रवियों की अनेक विधियों से तैयार की गई खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही, आप अधिक मात्रा में तली-भुनी और मीठी चीजों से दूर रहने की सलाह देते हुए अपने खान-पान में सत्विक आहार को शामिल करें। इसके अलावा, नौ दिनों तक दिन में सोना नहीं चाहिए। इससे बुरा प्रभाव पड़ता है।
नौ रूपों की होती है पूजा
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के एक प्रमुख त्योहार हैं जो वसंत ऋतु में मनाया जाता है। इस त्योहार का आयोजन नवरात्रि के दौरान किया जाता है जो चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष में होती है। इस त्योहार में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और इसके नौ दिनों तक नौ रूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों का स्मरण किया जाता है जो नवदुर्गा के रूप में जाने जाते हैं। यह नौ दिन की पूजा के दौरान नौ रंगों का प्रयोग करते हुए देवी की मूर्ति को भी सजाया जाता है। यह त्योहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।
पूजा विधि
- पूजा के लिए एक साफ और शुद्ध स्थान चुनें।
- माँ दुर्गा की मूर्ति के सामने चौकी या आसन स्थापित करें।
- पूजा में उपयोग करने के लिए समग्री जैसे कि दीपक, धूप, अगरबत्ती, सुगंध, फूल, फल, पानी, दूध, घी, मिश्री, दूध से बनी मिठाई, आदि तैयार करें।
- पूजा शुरू करने से पहले, शुद्धि करें और मन को शांत करें।
- पूजा शुरू करने से पहले, दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- माँ दुर्गा को फूलों से सजाएं और उन्हें धूप दें।
- आरती का आवरण बनाएं और धूप-दीपक करें।
- ध्यान रखें कि आप व्रत के नियमों का पालन करते हुए पूजा करें
(डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)