जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। पूरे 9 दिनों तक चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) भारत में धूमधाम से मनाई जाती है। इस दौरान मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ रूपों की आराधना की जाती है। अष्टमी, नवमी और दशमी यह तीनों दिन हवन के लिए शुभ माने जाते हैं। कुछ लोग अष्टमी के दिन हवन (Havan) करते हैं, तो कुछ लोग नवमी की तिथि पर हवन संपन्न करते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जो दसवीं के दिन हवन की विधि पूरी करते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार हवन नवरात्रि का एक जरूरी भाग होता है, बिना हवन और अखंड ज्योति के नवरात्रि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। इस बार नवमी अष्टमी 9 अप्रैल को और नवमी 10 अप्रैल को पड़ रहा है। भक्तगण अपने जरूरत और सहूलियत के हिसाब से दोनों में से किसी भी दिन हवन की विधि पूरी कर सकते हैं।
क्या है शुभ मुहूर्त?
8 अप्रैल 11:05 PM से ही अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी जो 9 अप्रैल 1:23 AM तक रहेगी। इस दौरान श्रद्धालु अपनी जरूरत के हिसाब से कन्या पूजन और हवन की विधि पूरी कर सकते हैं। 1:24 AM के बाद से ही नवमी तिथि शुरू हो जाएगी जो 10 अप्रैल 3:16 PM तक रहेगी। 10 अप्रैल को पूरे दिन कन्या पूजन और हवन विधि पूरी करने के लिए शुभ होगा।
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नवरात्रि के नवरात्रि के हवन के लिए इन चीजों की होगी जरूर
नवरात्रि की हवन विधि को पूरा करने के लिए आपको चंदन की लकड़ी, कपूर, नीम, बेल, लौंग, इलाइची, गाय का घी गुग्गल, एक सूखा नारियल, पीपल की छाल, लाल कलावा, जौ, शक्कर, अश्वगंधा, गूलर की छाल, काला तिल, मुलेठी की जड़, आम की सूखी लकड़ियां, पत्ते और तने, हवन पुस्तिका, लोबान और एक हवन कुंड की जरूरत होगी।
हवन के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल
- हवन करने से पहले पंडितों से सलाह जरूर ले। उसके बाद ही हवन की तैयारियां शुरू करें।
- आप चाहे तो खुद से भी हवन की विधि पूरी कर सकते हैं या फिर किसी पंडित द्वारा पूजा करवा सकते हैं।
- सारी तैयारियां पूरी होने के बाद आप हवन कुंड के सामने आसन पर बैठ जाए। ध्यान रहे कि बिना आसन के आप हवन शुरू ना करें, क्योंकि आसन के बिना पूजा संपन्न नहीं मानी जाती।
- अब हवन की सारी सामग्री को एक बर्तन में अच्छे से मिला ले।
- सूखी लकड़ियों को हवन कुंड में रखकर कपूर की मदद से जलाए।
- मां दुर्गा का मंत्र उच्चारण करते हुए थोड़ा-थोड़ा कर कर हवन की सामग्री अग्निकुंड में डाले, नहीं तो अधिक डालते से हवन में दिक्कत होगी।
Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य भ्रम फैलाने नहीं है, यह केवल शिक्षित करने के लिए है। कृपया विद्वानों की सलाह से कोई कदम उठाए।