मातृ नवमी 2022 : आज इस विधि से श्राद्ध कर्म करेंगे तो मिलेगी कर्ज से मुक्ति, ऐश्वर्य-वैभव आएगा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज मातृ नवमी है। पितृ पक्ष में इस दिन का बेहद महत्व है। इस दिन इस दिन उन महिलाओं के लिए श्राद्ध कर्म, पिंडदान, तर्पण और धूप-ध्यान किया जाता है, जो मृत्यु के समय सुहागिन थीं। मातृ नवमी सोमवार, 19 सितंबर को है। आज उन महिलाओं का श्राद्ध किया जाता है जिनका देहांंत सुहागिन रहते हुआ हो। ऐसी महिलाएं जिनकी मृत्यु तिथि नहीं पता है और जो सौभाग्यवती सिधारी हो, आज उनका भी श्राद्ध किया जाता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज के दिन सभी के लिए मातृ शक्ति के आशीर्वाद की कामना की है।

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आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी का श्राद्ध किया जाता है सौभाग्यवती श्राद्ध भी कहते हैं। वैसे तो पितृपक्ष में पक्ष में हर दिन का महत्व है लेकिन औ मातृ नवमी की विशेष मान्यता है। इस दिन दिवंगत माताओं बहनों और सुहागिन स्त्रियों का श्राद्ध किया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन नियमानुसार श्राद्ध और तर्पण करने से उनका आशीष प्राप्त होता है और घर में ऐश्वर्य और वैभव आता है।

आज के दिन स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं फिर पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाना चाहिए। धूप ध्यान के लिए खीर पूड़ी सब्जी सहित अन्य पकवान बनाएं। दिवंगत महिलाओं को याद कर किसी जरूरतमंद सुहागिन महिला को सुहाग का सामान दान करें। इनमें कुमकुम, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, बिछिया आदि दान की जा सकती है। जरुरतमंदों को भोजन भी कराएं। आज के दिन गजेंद्र मोक्ष के स्त्रोत पाठ से सुख समृद्धि आती है और ऋण से छुटकारा मिलता है। साथ ही पितरों की नाराजगी दूर होती है और पितृ दोष समाप्त होता है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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