भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रकाश पर्व दीपावली (Diwali) का शुभारंभ हो चुका है। आज दूसरा दिन है और इस दिन वर्ष नरक चतुर्दशी (hell chaturdashi) मनाई जा रही है। ये धनतेरस के बाद मनाया जाता है और इस दिन का बहुत महत्व है।
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नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी आदि भी कहा जाता है। वहीं लक्ष्मी पूजन के एक दिन पहले मनाए जाने के कारण छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन यमराज की पूजा होती है। अलग अलग परंपराओं के अतिरिक्त सामान्यतया इस दिन सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल लगाकर स्नान करने की मान्यता है। स्नान के पश्चात दक्षिण की ओर मुंह करके यम देवता से प्रार्थना की जाती है और माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसे का साथ घर को कोने में दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है। शाम को देवताओं का पूजन और हर संभावित स्थान पर दीपक जलाया जाता है। इसी के साथ आतिशबाजी और रोशनी के साथ पांचों दिन दीपावली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।