Sharad Purnima 2024: आज हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जा रहा है। यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। इसे चांद की खूबसूरत रात में मनाया जाता है। इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा की किरणों में अमृत का अंश होता है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
आपने अक्सर अपने घर में या फिर हिंदू धर्म में ऐसा देखा होगा कि शरद पूर्णिमा के दिन घरों में खीर अवश्य बनाई जाती है और न सिर्फ खीर बनाई जाती है बल्कि खीर को चंद्रमा की रोशनी के नीचे भी रखा जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर खीर का शरद पूर्णिमा से क्या कनेक्शन है। इस दिन खीर का इतना ज्यादा महत्व क्यों है। अगर आपके मन में भी यह सवाल आते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है क्योंकि आज हम आपको, आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब देंगे, तो चलिए जानते हैं।
खीर बनाने की धार्मिक मान्यता
शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाने की परंपरा के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इस दिन चंद्र देव 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं। जिससे माना जाता है की चांदनी रात में रखी गई खीर में अमृत का गुण घुल जाता है। यही कारण है कि लोग इस रात खीर को चांदनी में रखते हैं और उसे अगले दिन भोजन में शामिल करते हैं।
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
इतना ही नहीं यह भी माना जाता है की शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी प्रकट होती है। इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन बनाई गई खीर और चांदनी रात में रखी गई खीर का सेवन करने से न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है, बल्कि यह समृद्धि और खुशहाली का भी प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि हिंदू धर्म में इस दिन हर घर में खीर बनाई जाती है और खुले आसमान में चांद के नीचे चांदनी रात में खीर रखी जाती है।