पानी और खाद के बाद भी क्यों नहीं आ रहे टमाटर? जानिए इस देसी इलाज से भरपूर फल कैसे पाएं

Plant Care: कभी-कभी, पौधों को सही मात्रा में पानी और खाद देने के बावजूद भी टमाटर के पौधों में फल नहीं आते। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे सही देखभाल की कमी, पर्यावरणीय स्थितियां या पौधों को पर्याप्त पोषण न मिलना।

भावना चौबे
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Plant Care: टमाटर जो घर के किचन में बनने वाली अधिकांश रेसिपी में भूमिका निभाता है, यह न केवल स्वाद बढ़ाने का काम करता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होता है। यह चाहे किसी डिश में हो, जूस या स्मूदी में या फिर कच्ची सलाद में टमाटर का स्वाद और पौष्टिकता दोनों ही बढ़ जाती है।

टमाटर में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को तरोताजा रखने और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती है। खासकर जब यह पूरी तरह से फ्रेश और ऑर्गेनिक हो, तो उसके स्वास्थ्य लाभ और भी बढ़ जाते हैं। यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि हमारी सेहत को भी मजबूती प्रदान करता है।

टमाटर का पौधा ( Tomato Plant)

घर में टमाटर का पौधा लगाना एक शानदार ऑप्शन है, लेकिन कभी-कभी सही देखभाल न मिलने के कारण पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है और टमाटर भी अच्छे से नहीं उग पाते हैं। अगर आपके घर में टमाटर के पौधे हैं और भी अच्छी तरह फल नहीं दे रहे हैं तो कुछ आसान और देसी तारीख को से आप उनके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

टमाटर के पौधे की कैसे करें देखभाल

सबसे पहले यह जरूरी है कि पौधों को पर्याप्त धूप में ले क्योंकि टमाटर को अच्छे विकास के लिए कम से कम दिन में 6 से 8 घंटे की धूप चाहिए। इसके अलावा मिट्टी को अच्छे से हवादार और नमी से भरपूर रखना भी जरूरी है। अगर मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है तो गोबर की खाद या घर का कंपोस्ट डालने से पौधों की सेहत में सुधार हो सकता है। सर्दियों में टमाटर के पौधों के लिए गर्मी बनाए रखने के लिए इनडोर ग्रीनहाउस या प्लास्टिक क्लॉक का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। नियमित रूप से पानी देना और ध्यान रखना कि पौधों को अधिक पानी ना मिले यह भी जरूरी है।

घर पर कैसे बनाएं खाद

टमाटर के पौधों के लिए खाद तैयार करना बेहद आसान और प्रभावित तरीका है, जिससे पौधों की सेहत में सुधार लाया जा सकता है। सबसे पहले अच्छे रिजल्ट के लिए आप गोबर की खाद मिट्टी और फल सब्जियों के कचरे का मिश्रण बना सकते हैं। सबसे पहले छोटे से गड्ढे में गोबर की खाद और अच्छे गुणवत्ता वाले मिट्टी डालें।

फिर उसमें सूखी पत्तियां, फल, फूल के छिलके और अन्य जैविक कचरा मिलकर इसे अच्छे से मिला लें। इस मिश्रण को करीब दो-तीन सप्ताह तक सड़ने के लिए रख दें, ताकि उसमें सभी पोषक तत्व पूरी तरह से घुलकर पौधों के लिए उपयोगी हो सके। जब खाद तैयार हो जाए, तो इसे टमाटर के पौधों के पास अच्छे से डालें। यह प्राकृतिक खाद पौधों को जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम देती है, जो टमाटर की ग्रोथ को बढ़ाने और अच्छे फल देने में मदद करती है।

 


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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