भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हमारे बड़े बुजुर्ग हमेशा हमें समझाते हैं कि अपने जीवन की खास बातें सभी से साझा नहीं करनी चाहिए। इसके पीछ बहुत खास कारण होते हैं। अब मनोविज्ञान (Psychology) ने भी इस बात को माना है कि जीवन से जुड़े खास रहस्य और निजी बातें सीक्रेट रखनी चाहिए। इसपे पीछे जो मनोवैज्ञानिक कारण बताए गए हैं, वो आज हम आपसे शेयर करने जा रहे हैं।
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- हर कोई आपका दोस्त या शुभचिंतक नहीं होता है। बल्कि जो दोस्त होने का दावा करते हैं उनमें से भी कई आपसे मन ही मन ईर्ष्या करते हैं।
- आपकी निजी बातें अगर आप किसी से शेयर करते हैं तो मानकर चलिए वो बहुत सारे लोगों तक पहुंचेंगी। किसी और की बातों को सीक्रेट रखना दूसरों के लिए संभव नहीं होता है।
- निजी बातें किसी और से नहीं कहना आपको सुरक्षित भी रखता है। अगर आप कुछ जरुरी बातों पर गोपनियता नहीं बरतते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- निजता आपको खुदपर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करती है। अगर आपको अपने प्राइवेट मुद्दों पर किसी की सलाह चाहिए तो बेहतर है किसी प्रोफेशनल की मदद लें। वो इस बात को व्यासायिक दृष्टिकोण से देखते हैं और उनकी इसमें बिल्कुल दिलचस्पी नहीं होती कि उन बातों को पब्लिक किया जाए।
- अपनी बातों को निजी रखने का ये मतलब नहीं है कि आप लोगों से घुले मिले नहीं या बात न करें। लेकिन वो चीजें जो आपको पता है कि सार्वजनिक होने से आपके लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं, उनपर खामोश रहिए।