Lehariya Print: 18वीं सदी से फैशन का हिस्सा है लहरिया प्रिंट, यहां जानें इसका इतिहास

साड़ी एक बहुत ही खूबसूरत इंडियन आउटफिट है। जो किसी भी महिला की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती है। चलिए आज हम आपको लहरिया प्रिंट की हिस्ट्री से रूबरू करवाते हैं।

Diksha Bhanupriy
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Lehariya Print History: साड़ी एक ऐसा इंडियन आउटफिट है जो किसी भी महिला की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करता है। मौका कोई भी हो साड़ी हर महिला या लड़की पर अच्छी लगती है और उनके लुक को दूसरों से बेहतर बनाने का काम करती है। जिस तरह से अपने लुक को स्टाइलिश और फैशनेबल बनाने के लिए लोग अलग-अलग तरह के आउटफिट पहनते हैं। उस तरह से साड़ी भी अलग-अलग डिजाइन और पैटर्न में आती है।

साड़ियों को अलग-अलग नाम जैसे बनारसी, कांजीवरम, बांधनी, सिल्क, लहरिया जैसे नाम से पहचाना जाता है। तीज त्यौहार, शादी ब्याह और खास मौके पर अक्सर महिलाओं को साड़ी पहने हुए देखा जाता है।

लहरिया प्रिंट की साड़ी बहुत खूबसूरत लगती है। खास तौर पर गर्मियों में इसे पसंद किया जाता है। यह पहनने पर बहुत सुंदर लुक देती है। इन दोनों तो इस तरह की प्रिंटर के कई सारे एथेनिक आउटफिट भी ट्रेंड में चल रहे हैं। चलिए आज हम आपको लहरिया प्रिंट के इतिहास से रूबरू करवाते हैं और इसके बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं।

कहां से आया लहरिया प्रिंट

लहरिया प्रिंट का फैशन आज से नहीं है बल्कि 18वीं सदी से चला आ रहा है। पहले के समय में राजस्थान में पगड़ी पहनने का निवास था जो आज भी है। पहले राजपूत लोग सर पर पगड़ी बांध करते थे और कॉटन के कपड़े तैयार की जाने वाली यह पगड़ी ट्विस्ट करके यानी कि घूमाकर पहनी जाती थी। इसे बंधेज के नाम से पहचाना जाता था। बाद में इसमें टाई एंड डाई के जरिए लाइन बनाई जाने लगी वो यह लहरिया पैटर्न हो गया। धीरे-धीरे पगड़ी से यह महिलाओं की सदी तक पहुंचा। अगर यह पूछा जाए कि लहरिया प्रिंट कहां से आया है तो यह एक तरह से राजस्थान का है।

खूब छा रहा लहरिया फैशन

बदलते हुए समय के साथ फैशन भी बदलता है। लेकिन कुछ ट्रेडिशनल चीजें ऐसी है जो हमेशा फैशन ट्रेंड का हिस्सा बनी रहती है। लहरिया प्रिंट भी एक ऐसी चीज है जो फैशन का हिस्सा बन चुका है। पहले जहां इसे कॉटन पर प्रिंट किया जाता था तो अब यह शिफॉन जॉर्जेट और सिल्क जैसे पदार्थ में भी आसानी से मिल जाता है। इसे अच्छा लुक देने के लिए अब इसके साथ एंब्रॉयडरी और गोटा पट्टी का उपयोग किया जाने लगा है जो काफी खूबसूरत लगता है।

फैशनेबल और ट्रेडिंग आउटफिट की बात करें तो अब लहरिया प्रिंट सिर्फ साड़ी और पगड़ी में ही नहीं बल्कि लहंगा, कुर्ती और वेस्टर्न ड्रेस में भी नजर आने लगा है। अगर आप भी पारंपरिक और फैशनेबल स्टाइल कैरी करना चाहती है तो लहरिया प्रिंट आउट फिट अपनी वॉर्डरोब में जोड़ सकती हैं।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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