साहित्यिकी : पढ़ते हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘माता का ह्रदय’

“आज शनिवार है और साहित्यिकी में हम पढ़ेंगे प्रसिद्ध लेखक प्रेमचंद की एक कहानी माता का ह्रदय। इस कहान में बताया गया है कि मां की ममता का पूरी दुनिया में कोई मोल नहीं। मां अपने बच्चों की तड़प नहीं देख सकती और बच्चे की ममता के आगे वह अपना सारा क्रोध भूल जाती है। वहीं, यह कहानी यह सीख भी देती है कि इंसान को कभी लालच नहीं करना चाहिए और न ही किसी को दुख देना चाहिए। तो आईये पढ़ते हैं ये कहानी”

                                                      माता का ह्रदय

माधवी के पति की 22 साल पहले मौत हो गई थी। उसके पास कोई धन दौलत नहीं थी और संपत्ति के नाम पर सिर्फ एक बेटा था, जो इस वक्त जेल में बंद था। अपने उस घर में वो अकेली पड़ गई थी और उसके आंसू तक पोंछने वाला कोई नहीं था।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।