Lucknow Travel: उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ, जिसे ‘नवाबों का शहर’ के नाम से जाना जाता है, अपनी समृद्ध इतिहास, शानदार वास्तुकला, और लजीज खाने के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। लाखों पर्यटक साल भर इस खूबसूरत शहर की खूबियों को निहारने आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मानसून का मौसम लखनऊ की खूबसूरती को और भी निखार देता है?
बारिश के बाद की धुली हुई हवा, हरियाली से लबरेज पेड़-पौधे, और ठंडी हवाएं लखनऊ को एक नया रूप प्रदान करती हैं। मानसून के दौरान घूमने के शौकीनों के लिए लखनऊ एक आदर्श स्थान है। इस मौसम में घूमने वालों की भीड़ कम होती है, जिससे आप शांत और आरामदायक वातावरण का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, मानसून के दौरान आकर्षक प्राकृतिक दृश्य और कम खर्च में यात्रा का आनंद उठाया जा सकता है। आइए, इस लेख में हम आपको लखनऊ शहर और उसके आसपास घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बताते हैं, जहां आप मानसून के दौरान परिवार, दोस्तों या अपने प्रियजन के साथ घूमने जा सकते हैं और यादगार पल बिता सकते हैं।
नवाबों के शहर में घूमने के लिए ये जगहें
नवाबगंज
नवाबों का शहर लखनऊ से थोड़ी ही दूरी पर स्थित, नवाबगंज पक्षी अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। मानसून के दौरान, जब चारों ओर हरियाली छाई होती है, यह अभयारण्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता से और भी ज्यादा खिल उठता है। यहां आप 50 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को देख सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रवासी पक्षी भी हैं जो हजारों किलोमीटर दूर से साइबेरिया से आते हैं। यहाँ आपको सारस, बगुले, बत्तखें, कबूतर, गीदड़, बुलबुल, तिलकवार, कठफोड़वा और कई रंगीन पक्षी देखने को मिल जाएंगे। यदि आप प्रकृति से प्यार करते हैं और शांत वातावरण में समय बिताना पसंद करते हैं, तो नवाबगंज पक्षी अभयारण्य आपके लिए एकदम सही जगह है। आप यहां नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं, पक्षियों को देख सकते हैं, और प्रकृति की सुंदरता को निहार सकते हैं।
भीमताल
लखनऊ से थोड़ी ही दूरी पर स्थित, भीमताल उत्तराखंड का एक मनमोहक हिल स्टेशन है। ‘झीलों की नगरी’ के नाम से भी जाना जाने वाला यह खूबसूरत शहर, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और मनोरंजक गतिविधियों के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है। मानसून के दौरान, भीमताल एक अलग ही रूप धारण कर लेता है। बादलों से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, हरियाली से लबरेज घास के मैदान, देवदार के विशाल पेड़, और शांत झीलें – मानसून में भीमताल का नजारा देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।
रूमी दरवाजा
रूमी दरवाजा, जिसे तुर्की दरवाजा भी कहा जाता है, लखनऊ के सबसे प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। यह भव्य स्मारक 18वीं शताब्दी में नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा बनवाया गया था और लखनऊ की समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। रूमी दरवाजा अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है और इसमें भव्य मेहराब, नक्काशीदार स्तंभ और सुंदर जालीदार काम है। दरवाजे के शीर्ष पर, आपको नवाबों का प्रतीक ‘तारा’ देखने को मिलेगा। रूमी दरवाजा नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा 1784-1786 के बीच बनवाया गया था। यह दरवाजा लखनऊ शहर का मुख्य प्रवेश द्वार हुआ करता था। 1857 के विद्रोह के दौरान, रूमी दरवाजा ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के बीच लड़ाई का केंद्र बन गया था।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)