Feet Touching Niyam: इन 4 लोगों से कभी ना करवाएं अपने चरण स्पर्श, नष्ट हो सकते हैं कमाए गए पुण्य

वैदिक शास्त्रों के अनुसार, दामाद से कभी अपने चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए, क्योंकि शादी के वक्त आप अपनी बेटी दामाद को दान करते हैं।

Shashank Baranwal
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Feet Touching Niyam: हिंदू धर्म में बड़े बुजुर्गों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। इन लोगों के लिए हमारे मन में सेवा भाव की भावना रहना चाहिए। वहीं शास्त्रों में बड़े बुजुर्गों का पैरा छूने से आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा छोटे अपने बड़ो का पैर सम्मान देने के लिए छूते हैं। हालांकि, हिन्दू शास्त्रों के कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनका पैर छूना वर्जित माना जाता है।

बेटी से नहीं कराने चाहिए चरण स्पर्श

हमारे देश में बहुत सी जगह पर अविवाहित लड़िकयों का पैर छूना मना होता है। वहीं बहुत सी जगहों पर घर के बड़े लोग उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। उन्हें घर की लक्ष्मी माना जाता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कुंवारी कन्या से चरण स्पर्श नहीं कराने चाहिए। इसलिए अपनी बेटी से कभी भी माता-पिता को अपने चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए, क्योंकि बेटी को देवी का रूप माना जाता है।

मामा को भांजे से नहीं कराना चाहिए चरण स्पर्श

सनातन धर्म में इस बात का जिक्र किया गया है कि अपने भांजे या भांजियों से मामा को भूलकर भी अपने चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए। इससे आपके घर में गरीबी आती है। साथ ही घर की सुख-शांति नष्ट हो जाती है। इसलिए इस बात का खास ख्याल रखें कि बहन की बेटे या बेटियों से बिल्कुल भी चरण स्पर्श नहीं कराना चाहिए।

पत्नी को पति से नहीं कराना चाहिए चरण स्पर्श

शास्त्रों के अनुसार, पति को कभी भी अपनी पत्नी के चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। इससे आपके घर में दरिद्रता आती है। इससे देवी-देवता नाराज हो जाते हैं। माता लक्ष्मी की कृपा आप पर से खत्म हो जाती है। इंसान के उल्टी गिनती शुरू हो जाती है। इसलिए पत्नी को कभी भी अपने पति से चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए।

दामाद से नहीं कराना चाहिए चरण स्पर्श

वैदिक शास्त्रों के अनुसार, दामाद से कभी अपने चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए, क्योंकि शादी के वक्त आप अपनी बेटी दामाद को दान करते हैं। उसी समय आप अपने दामाद के चरण स्पर्श करते हैं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। धन संबंधी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इंसान धनी से गरीब हो जाता है।

(Disclaimer: यहां पर दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताया गया है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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