Parenting Tips: छोटी-छोटी बातों पर रोता है बच्चा? ये 4 तरीके बना देंगे उसे इमोशनली स्ट्रांग

Parenting Tips: क्या आपका बच्चा हर छोटी-बड़ी बात पर रो देता है?यह चिंता का विषय हो सकता है, लेकिन घबराइए नहीं! यहां 4 तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपने बच्चे को भावनात्मक रूप से मजबूत बना सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उनकी अच्छी परवरिश करना बहुत जरूरी होता है। हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार और अच्छी परवरिश देना चाहते हैं। माता-पिता की सिखाई गई बातें और आदतें बच्चों पर बहुत गहरा असर डालती है। कई बच्चे ऐसे होते हैं जो बात-बात पर रोने लगते हैं या फिर बहुत गुस्सा करते हैं। जिस प्रकार माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार और अच्छी परवरिश देते हैं उसी प्रकार माता-पिता को अपने बच्चों को इमोशनली स्ट्रांग भी बनाना चाहिए। क्या आपका बच्चा भी बात-बात पर रोने लगता है या बहुत ज्यादा गुस्सा करता है तो आज हम आपको ऐसे ही कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को बचपन से ही इमोशनली स्ट्रांग बना सकते हैं, तो चलिए जानते हैं।

बच्चों को कैसे बनाएं इमोशनली स्ट्रांग

1. भावनाओं को स्वीकारें और समझें

बच्चे की भावनाओं को दबाने या नकारने के बजाय, उन्हें स्वीकार करें और समझने का प्रयास करें। उन्हें बताएं कि उनकी भावनाएं वैध हैं और आप उनकी परवाह करते हैं। भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उचित शब्दों का उपयोग करना सिखाएं।

2. धैर्य और सहानुभूति दिखाएं

भावनाओं को नियंत्रित करना बच्चों के लिए सीखने की प्रक्रिया है। धैर्य रखें और गलतियों के लिए उन्हें दंडित न करें। उनकी भावनाओं को समझने और उनसे सहानुभूति रखने का प्रयास करें। उन्हें आश्वस्त करें कि आप उनके साथ हैं और उनकी मदद करेंगे।

3. स्वस्थ मुकाबला तंत्र सिखाएं

बच्चों को अपनी भावनाओं का सामना करने के लिए स्वस्थ तरीके सिखाएं, जैसे गहरी सांस लेना, ध्यान करना, या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करना। उन्हें रचनात्मक गतिविधियों जैसे कला, संगीत या खेलकूद में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए स्वस्थ तरीके खोजने में मदद करें।

4. एक सकारात्मक रोल मॉडल बने

बच्चे अपने माता-पिता से सीखते हैं। अपनी भावनाओं को स्वस्थ तरीके से व्यक्त करके एक सकारात्मक रोल मॉडल बनें। तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी शांत और संयमित रहने का प्रयास करें। बच्चों को सिखाएं कि कैसे गलतियों से सीखना है और चुनौतियों का सामना करना है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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