Parenting Tips: क्या आपका बच्चा भी बात-बात पर करता है जिद्द, देता है उल्टा जवाब, तो करें टिप्स को फॉलो, आएगा जल्द सुधार

Parenting Tips: बच्चों का जिद्दी होना, बात न मानना और बात-बात पर जवाब देना कई माता-पिता के लिए एक आम समस्या है। यह स्थिति माता-पिता के लिए निराशाजनक और तनावपूर्ण हो सकती है। यदि आप भी इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो चिंता न करें। कुछ आसान पेरेंटिंग टिप्स अपनाकर आप इस समस्या से निपट सकते हैं और अपने बच्चे को अनुशासित कर सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: बच्चों की अच्छी परवरिश करना माता-पिता के लिए सबसे बड़ा और चुनौती पूर्ण काम होता है। अच्छी देखभाल करने के बावजूद भी कई बार बच्चों की हरकत या आदतें ऐसी होती है जिस वजह से माता-पिता को चिंताएं सताने लगती है। बच्चे अक्सर जिद्द करते हैं। जिद्द करना हर बच्चों की आदत होती है लेकिन आप उनकी जिद्द को कैसे संभालते हैं यह आपके ऊपर निर्भर करता है। अगर आपका बच्चा भी हर छोटी-छोटी बातों में जिद्द करता है, या आपकी बातें नहीं सुनता है तो ऐसे में आपको डांटने फटकारने की जरूरत नहीं है बल्कि कुछ चीजों को ध्यान में रखने की जरूरत है। आज हम आपको इस लेख के द्वारा ऐसे ही कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे आसानी से आप अपने बच्चों की जिद्द खत्म कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं।

यहां कुछ पेरेंटिंग टिप्स दिए गए हैं जो जिद्दी बच्चों को अनुशासित करने में मददगार हो सकते हैं

1. शांत रहें

जब आपका बच्चा जिद्दी हो रहा हो, तो शांत रहना सबसे महत्वपूर्ण है। यदि आप गुस्सा करेंगे, तो यह स्थिति और खराब हो सकती है। हर बच्चा जिद्दी होता है इसलिए अगर आपका बच्चा भी बात-बात पर जिद्द करता है तो इससे आपको ज्यादा चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और अगर आप चाहते हैं कि आप अपने बच्चों के जिद्दीपन को कैसे संभाले, तो सबसे अच्छा तरीका है कि जब भी आपका बच्चा जिद करें तो आप उसे स्थिति में शांत रहे। अगर आप अपने बच्चों के ऊपर चिल्लाएंगे या उन्हें मारेंगे तो स्थिति खराब हो सकती है।

2. बच्चे की बात सुनें

बच्चे की बात सुनें और उसकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें। बच्चे को यह महसूस होने दें कि आप उसकी बात सुन रहे हैं और उसकी भावनाओं को समझते हैं। अक्सर माता-पिता अपने बच्चों की बातों को अनसुना और अनदेखा कर देते हैं, ऐसा करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। अगर आप अपने बच्चों की हर जिद्द पूरी नहीं करना चाहते हैं तो आप उन्हें प्यार से समझाएं कि यह काम करना या यह चीज खरीदना अभी जरूरी क्यों नहीं है।

3. बच्चे को विकल्प दें

बच्चे को विकल्प देकर उसे जिम्मेदारी का एहसास कराएं। उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा बाहर जाने के लिए जिद कर रहा है, तो आप उसे दो विकल्प दे सकते हैं, जैसे वह घर पर रहकर खेल सकता है। वह बाहर जा सकता है, लेकिन उसे कुछ समय बाद वापस आना होगा।

4. बच्चे के साथ समझौता करें

बच्चे के साथ समझौता करने से भी समस्या का समाधान हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा टीवी देखने के लिए जिद कर रहा है, तो आप उसे कुछ समय के लिए टीवी देखने की अनुमति दे सकते हैं, लेकिन उसे कुछ शर्तें भी माननी होंगी, जैसे कि, वह टीवी देखने के बाद अपना होमवर्क करेगा। वह टीवी देखते समय आवाज कम रखेगा।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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