Parenting Tips: आजकल के तकनीकी युग में, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बच्चों की जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। इन गैजेट्स की आसान पहुंच ने बच्चों की दिनचर्या में काफी बदलाव ला दिया है। कई बच्चे देर रात तक मोबाइल पर गेम खेलते हैं, वीडियो देखते हैं या सोशल मीडिया पर घंटों बिताते हैं। इस आदत के कारण उनकी नींद का चक्र पूरी तरह से बिगड़ गया है। वे सुबह देर से उठते हैं जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई, स्वास्थ्य और सामाजिक जीवन पर पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए माता-पिता काफी चिंतित रहते हैं।
अगर आपके बच्चे भी सुबह उठने में आलस करते हैं और देर रात तक मोबाइल पर बिजी रहते हैं, तो चिंता न करें। आप कुछ आसान तरीकों से इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। आजकल के समय में बच्चों का देर रात तक जागना और सुबह लेट उठना एक आम समस्या बन गई है। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स इस आदत के मुख्य कारण हैं। लेकिन चिंता न करें, कुछ सरल बदलावों से आप अपने बच्चों को सुबह समय पर उठने की आदत डाल सकते हैं।
प्यार से उठायें
बच्चों को सुबह जल्दी उठाने के लिए प्यार और धैर्य का होना बहुत जरूरी है। अगर आप अपने बच्चे को चिल्लाकर या डांटकर उठाते हैं, तो इससे बच्चा नाराज़ हो सकता है और सुबह उठने से और भी ज्यादा नफरत करने लगेगा। इसके बजाय, आप अपने बच्चे को प्यार से जगा सकते हैं, जैसे कि उसका नाम लेकर धीरे से पुकारना, या उसका पसंदीदा गाना गुनगुनाना। अगर आप लगातार एक हफ्ते तक इस तरीके से अपने बच्चे को जल्दी उठाते हैं, तो धीरे-धीरे बच्चे की यह दिनचर्या बन जाएगी और वह बिना किसी परेशानी के सुबह उठने लगेगा।
नाश्ता बनाकर रखें
बच्चों को सुबह जल्दी उठाने के लिए आप कई छोटे-छोटे तरीके अपना सकते हैं। जैसे, आप उनके कमरे में जाकर खिड़की खोल सकते हैं और लाइट चालू कर सकते हैं। इससे प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा उन्हें जगाने में मदद करेगी। आप उनके सिर पर धीरे से हाथ फेरकर भी उन्हें जगा सकते हैं। साथ ही, आप उनके लिए स्वादिष्ट नाश्ता पहले से बनाकर रख सकते हैं। सुबह उठकर उन्हें पसंदीदा नाश्ता मिलने की खुशी उन्हें जल्दी उठने के लिए प्रेरित करेगी। इन छोटे-छोटे बदलावों से आप अपने बच्चों को आसानी से सुबह जल्दी उठने की आदत डाल सकते हैं।
चार्ट तैयार करें
बच्चों की दिनचर्या को व्यवस्थित करने के लिए एक चार्ट बनाना बहुत उपयोगी होता है। आप अपने बच्चे के साथ मिलकर एक चार्ट तैयार कर सकते हैं जिसमें उसके सोने का समय, उठने का समय, पढ़ाई करने का समय और खेलने का समय आदि सभी चीजें लिखी हों। यह चार्ट बच्चे को अपनी दिनचर्या को समझने और उसका पालन करने में मदद करेगा। आप रात में 9 या 10 बजे के बाद उनसे फोन ले सकते हैं, ताकि वे जल्दी सो जाएं। सुबह आप अपने बच्चे के साथ मॉर्निंग वॉक पर जा सकते हैं, इससे उनका दिमाग तरोताजा होगा।