Parenting Tips: आजकल की व्यस्त जिंदगी में बच्चों को जितना समय देना चाहिए, वो अक्सर नहीं दे पाते। इस वजह से बच्चों के साथ कम्युनिकेशन कम हो जाता है, उनकी आदतों और स संगति पर ध्यान नहीं दे पाते। इसी वजह से कई बार बच्चे रास्ते से भटक जाते हैं, तो चलिए आज हम जानते हैं कुछ ऐसे संकेतों के बारे में, जिन्हें देखकर आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि कहीं आपका बच्चा बिगड़ तो नहीं रहा है। इन संकेतों को पहचानना जरूरी है ताकि आप वक्त रहते अपने बच्चे को सही रास्ते पर ला सकें।
बच्चों का जिद्दी होना
बच्चों का जिद्दी होना और हर बात पर गुस्सा होना, ये शायद हर घर में कभी न कभी देखने को मिलने वाला नज़ारा है। लेकिन कई बार यही जिद और गुस्सा, अगर माता-पिता न समझें तो, ये बिगड़ते बच्चे का शुरुआती संकेत हो सकता है। ऐसे में घबराने की नहीं, बल्कि समझदारी से काम लेने की ज़रूरत होती है। हर बार बच्चे की जिद को मान लेना या हर छोटी बात पर भड़क जाना, दोनों ही चीज़ें गलत हैं। इस स्थिति में सबसे ज़रूरी है, थोड़ा रुकना और बच्चे की बात को धैर्य से सुनना। समझें कि आखिर वो गुस्सा क्यों हो रहा है, या किस बात पर अड़ा हुआ है। शायद कोई खिलौना लेने की जिद है, या फिर पार्क में ज़्यादा देर रुकने की इच्छा।
बार-बार झूठ बोलना
माता-पिता के लिए ये चिंता का विषय है जब उनका बच्चा बार-बार झूठ बोलने लगता है और धोखा देने की आदत डाल लेता है। ये ईमानदारी और सच्चाई की कमी को दर्शाता है, जो भविष्य में उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। ऐसे झूठ कई रूपों में सामने आ सकते हैं, घर लौटने में देरी के लिए झूठे बहाने गढ़ना, स्कूल में शिक्षकों और दोस्तों को धोखा देना, किसी चीज़ से बचने के लिए परिजनों से झूठ बोलना, या यहाँ तक कि घर से चोरी किए सामान को छिपाने के लिए झूठ का सहारा लेना। अगर आप अपने बच्चे में ये संकेत देखते हैं, तो जल्द कदम उठाना ज़रूरी है। सबसे पहले अपने बच्चे से शांत दिमाग से बात करें। उन्हें प्यार से समझाएं कि झूठ बोलना गलत है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्हें ईमानदारी का महत्व सिखाएं, भले ही सच बोलना मुश्किल क्यों न लगे। यह भी ज़रूरी है कि आप उन्हें सही और गलत के बीच का फर्क समझाएं। उन्हें सिखाएं कि धोखा देना गलत है और दूसरों के साथ सम्मान का व्यवहार करना ज़रूरी है।
बड़ों का अनादर
बड़ों का अनादर, यह वाक्यांश चिंता पैदा कर देता है। बच्चे का बड़ों से बदतमीजी से बात करना या उनका कहना न मानना, संस्कारों की कमी का संकेत हो सकता है। यह बुरी संगत या गलत आदतों का भी नतीजा हो सकता है। अगर आप देखते हैं कि आपका बच्चा बड़ों की बात नहीं मानता, उनसे बेअदबी से पेश आता है, या यहां तक कि उन पर हाथ उठाता है, तो जल्द कदम उठाएँ। अपने बच्चे से प्यार से बात करें। उन्हें समझाएं कि बड़ों का सम्मान करना क्यों ज़रूरी है। उन्हें बताएं कि उनके बुरे व्यवहार से उन्हें और दूसरों को तकलीफ हो सकती है। उन्हें सही और गलत का फर्क समझाएं। सबसे ज़रूरी है कि आप उनके लिए आदर्श बनें। बच्चों को सबसे ज्यादा अपने माता-पिता से सीखने की आदत होती है। इसलिए हमेशा बड़ों का आदर करें और उनके साथ विनम्रता से पेश आएं। धीरे-धीरे आपका बच्चा भी यही सीखेगा।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)