Parenting Tips: सिर्फ पढ़ाई नहीं, बच्चों की सोशल एक्टिविटी बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स

Parenting Tips: आजकल के दौर में बच्चों को अक्सर टीवी, मोबाइल और वीडियो गेम जैसी चीजों में ज्यादा समय बिताते हुए देखा जाता है। इस वजह से उनमें सामाजिक कौशल और भावनात्मक विकास कमजोर हो सकता है। बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में भी उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है।

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Parenting Tips: कुछ लोगों की तारीफ में अक्सर कहा जाता है कि “वह पढ़ा भले ही नहीं, लेकिन कढ़ा है।” इस कढ़ा होने का मतलब है कि व्यक्ति सामाजिकता में माहिर है, जो आज के समाज में एक महत्वपूर्ण गुण है। अक्सर माता-पिता बच्चों की शिक्षा पर तो पूरा जोर देते हैं, बच्चों में भी यह गुण होना जरूरी है। माता-पिता अक्सर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देते हैं, लेकिन उनकी सामाजिकता को नजरअंदाज कर देते हैं। इससे कई बार बच्चे पढ़ाई में अच्छे होते हैं, लेकिन लोगों से मिलना-जुलना नहीं सीख पाते।

बच्चों को सामाजिक बनाना जरूरी है ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। इसके लिए माता-पिता को उन्हें सामाजिक गतिविधियों में शामिल करना चाहिए, टीमवर्क सिखाना चाहिए और दोस्तों के साथ समय बिताने के मौके देने चाहिए। बच्चों को सामाजिक बनाने के लिए माता-पिता को उनके साथ समय बिताना चाहिए, उनकी बातें सुननी चाहिए और आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए। इससे बच्चे दूसरों से अच्छी तरह बात कर पाएंगे और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

बच्चे को ज्यादा सामाजिक बनाने के कुछ टिप्स

1. पसंद को पहचानें

सबसे पहले, अपने बच्चे की रुचि और पसंद को समझें। वो किन गतिविधियों में शामिल होना पसंद करते हैं? किस तरह के खेल खेलना पसंद करते हैं? उनकी रुचि के अनुसार उन्हें अन्य बच्चों के साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। आप उन्हें उन खेलों या गतिविधियों से जुड़े ग्रुप में शामिल करवा सकते हैं जिनमें वो रूचि रखते हैं।

2. सकारात्मक माहौल बनाएं

घर पर एक ऐसा माहौल बनाएं जहां बच्चे खुलकर बातचीत कर सकें। उनसे उनकी दिनचर्या, दोस्तों, और स्कूल के बारे में पूछें। उनकी बातों को ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।

3. सामाजिक अवसर प्रदान करें

बच्चे को अन्य बच्चों से मिलने-जुलने और बातचीत करने के अवसर प्रदान करें। आप उन्हें प्ले-डेट पर ले जा सकते हैं, उन्हें पार्क में खेलने के लिए भेज सकते हैं, या उन्हें बच्चों के किसी ग्रुप में शामिल करवा सकते हैं।

4. सामाजिक कौशल सिखाएं

बच्चे को बुनियादी सामाजिक कौशल सिखाएं जैसे कि नमस्ते करना, धन्यवाद कहना, दूसरों की बात सुनना, और अपनी बात कहना। आप उन्हें रोल-प्लेइंग या कहानियों के माध्यम से भी ये कौशल सिखा सकते हैं।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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